डेंगू क्या है? आसान भाषा में समझिए

डेंगू एक वायरल बिमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है. भारत में गर्मी और बरसात के मौसम में ये ज्यादा पाई जाती है. अगर आपके घर या आसपास पानी की टंकी खुली रहे तो मच्छर जल्दी पैदा होते हैं, इसलिए ध्यान रखना ज़रूरी है.

डेंगू के मुख्य लक्षण

बुखार, सिरदर्द, आँखों के पीछे दर्द और जोड़ों में ऐँठन अक्सर पहले दिखते हैं. कई बार उल्टी या पेट में दर्द भी हो सकता है. अगर बुखार 40°C से ऊपर जाए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ.

रोकथाम के आसान उपाय

1. घर की सभी जलभराव वाली जगहों को साफ रखें – टंकी, पॉट, कुंड। 2. मच्छरों को मारने वाले लाइट या रासायनिक स्प्रे का इस्तेमाल करें. 3. कपड़े और जूते बंद रखे, खासकर शाम के समय बाहर जाने पर. 4. एसी या फैन चलाते समय खिड़कियाँ पूरी तरह बंद रखें. 5. बच्चों और बुज़ुर्गों को मच्छरदानी में सुलाएं.

अगर आप इन चीज़ों का ध्यान रखेंगे तो डेंगू पकड़ने की संभावना कम होगी. लेकिन कभी‑कभी मच्छर बच निकलते हैं, इसलिए लक्षण दिखने पर जल्दी टेस्ट करवा लेना बेहतर रहता है.

डेंगू का इलाज कैसे करें?

डेंगू के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है. डॉक्टर मुख्य रूप से तरल पदार्थ और दर्द निवारक दवाइयाँ देते हैं. पैरासिटामोल (टाइलेनॉल) बुखार कम करने में मदद करता है, लेकिन ऐस्पिरिन या इबुप्रोफ़ेन नहीं लेना चाहिए क्योंकि वे रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकते हैं.

घर पर आराम करें, खूब पानी पिएँ और हल्का भोजन खाएँ. अगर पेट में दर्द बहुत तेज़ हो या ब्लड प्रेशर गिरना शुरू हो जाए तो तुरंत अस्पताल जाना जरूरी है.

मौसम के साथ डेंगू की प्रवृत्ति

अधिकतर केस मई से अक्टूबर तक आते हैं, जब बारिश और गरमी दोनों मिलकर मच्छरों को बढ़ावा देते हैं. इस समय में स्कूल, ऑफिस या बाजारों में साफ‑सफाई अभियान चलाते रहना चाहिए.

डेंगू की खबरें हर दिन बदलती रहती हैं, इसलिए स्थानीय समाचार या स्वास्थ्य विभाग के अपडेट देखना फायदेमंद रहेगा. सेंचुरी लाइट्स पर आप डेंगू से जुड़ी नई खबरें और विशेषज्ञ सलाह आसानी से पा सकते हैं.

कब डॉक्टर को दिखाएँ?

- बुखार 48 घंटे से ज़्यादा रहे. - लगातार उल्टी या पेट दर्द हो. - रक्त में खून की गिनती घटे (डॉक्टर टेस्ट करके बताएगा). - श्वास लेने में दिक्कत, चक्कर या बेहोशी आए.

इन संकेतों पर तुरंत मेडिकल मदद लेनी चाहिए. समय पर उपचार से गंभीर जटिलताओं जैसे डेंगू हेमोरेजिक फिवर या डेंगू शॉक को रोका जा सकता है.

डेंगू एक छोटी‑सी लापरवाही से बड़ी समस्या बन सकती है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है. आज ही अपने घर की साफ‑सफ़ाई चेक करें और मौसम के अनुसार तैयार रहें.

पुणे: दो ज़ीका वायरस पीड़ितों में चिकनगुनिया और डेंगू की सह-संक्रमण पाई गई
जुलाई 5, 2024
पुणे: दो ज़ीका वायरस पीड़ितों में चिकनगुनिया और डेंगू की सह-संक्रमण पाई गई

पुणे में, दो मरीजों में ज़ीका वायरस के साथ चिकनगुनिया और डेंगू की सह-संक्रमण की पुष्टि की गई है। यह सह-संक्रमण ट्रॉपिकल फीवर पीसीआर पैनल के माध्यम से खोजी गई। विशेषज्ञों ने मामलों की प्रभावी निगरानी और प्रारंभिक निदान पर जोर दिया है। गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि जन्मजात असमानताओं का खतरा हो सकता है।

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