जब आप ग्रे मार्केट प्रीमियम, एक अतिरिक्त मूल्य है जो सार्वजनिक शेयरों की कीमत के ऊपर लगती है. Also known as ग्रे प्रीमियम, it दर्शाता है कि बाजार में मांग‑आपूर्ति असंतुलन है और निवेशकों को अतिरिक्त जोखिम का संकेत देता है। यह प्रीमियम अक्सर नई IPO या बड़े कॉरपोरेट ऑफ़रिंग के समय उभरता है, जहाँ शेयरों की वास्तविक कीमत से कहीं अधिक बोली लगती है।
पहले समझें कि स्टॉक मार्केट, सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का सामूहिक मंच कैसे काम करता है। जब कोई कंपनी सार्वजनिक होती है, तो उसका शेयर कई निवेशकों को उपलब्ध कराता है। अगर शुरुआती शेयरों की आपूर्ति सीमित रहती है और चाहते हैं तो कीमत में ग्रे मार्केट प्रीमियम जुड़ जाता है। यही कारण है कि कुछ शेयरों का शुरुआती लेन‑देन सामान्य मूल्य से कई गुना अधिक हो जाता है।
एक दूसरा महत्वपूर्ण इकाई शेयर, कंपनी का मालिकी अधिकार दर्शाने वाला इकाई है। शेयर का मूल्य सीधे निवेश, धन को बढ़ाने के लिये विभिन्न वित्तीय साधनों में लगाना से जुड़ा होता है। जब ग्रे मार्केट प्रीमियम बढ़ता है, तो निवेशकों को संभावित रिटर्न और जोखिम दोनों का पुनर्मूल्यांकन करना पड़ता है। इस तरह ग्रे मार्केट प्रीमियम दर्शाता है बाजार की अटकलें, स्टॉक मार्केट में इस प्रीमियम का असर शेयर की शुरुआती कीमत पर पड़ता है, और निवेशकों को प्रीमियम को समझकर जोखिम कम कर सकते हैं – ये सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
अब बात करते हैं ब्याज दर, कर्ज लेने पर चुकाने वाले अतिरिक्त पैसा की। केंद्रीय बैंक जब मौद्रीक नीति में बदलाव करता है, तो यह सीधे स्टॉक मार्केट को प्रभावित करता है। कम ब्याज दरें अक्सर इक्विटी निवेश को आकर्षित करती हैं, जिससे ग्रे मार्केट प्रीमियम में उछाल देखे जा सकते हैं। उल्टा, जब दरें बढ़ती हैं तो निवेशकों का आकर्षण कम हो सकता है और प्रीमियम घट सकता है। इसलिए आर्थिक संकेतकों को समझना ग्रे मार्केट प्रीमियम को सही ढंग से पढ़ने में मदद करता है।
एक और रोचक पहलू है IPO लिस्टिंग, पहली बार सार्वजनिक रूप से शेयर जारी करने की प्रक्रिया। अधिकांश ग्रे मार्केट प्रीमियम का केंद्र यही होती है। कंपनियां अक्सर आधी या पूरी तरह से अपने शेयर सार्वजनिक बाजार में पेश करती हैं, और निवेशकों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा बनती है। इस समय एक छोटा निवेशक भी बड़ी राशि का प्रीमियम जोड़कर शेयर खरीद सकता है, जिससे बाजार की मापदंड बदलते हैं। इस तरह IPO लिस्टिंग, ग्रे मार्केट प्रीमिक और शेयर की प्रारंभिक कीमत आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हैं।
हमारी इस लेखनी में अब तक हमने ग्रे मार्केट प्रीमियम के मूलभूत पहलुओं, उससे जुड़ी संस्थाओं और इनके बीच के सहयोग को समझा। आगे आप देखेंगे कि हमारी टैग पेज पर कौन‑कौन से लेख इस विषय से जुड़े हैं – चाहे वो कारों के प्रीमियम मॉडल हों, क्रिकेट मैच की बातचीत, या वित्तीय नीतियों की अपडेट। ये सभी सामग्री आपको ग्रे मार्केट प्रीमियम के असर को व्यावहारिक उदाहरणों से देखने में मदद करेगी। अब नीचे दिए गए सूची में वही लेख पढ़ें जो आपके निवेश या बाजार विश्लेषण को आसान बनाकर देंगे।
Tata Capital और LG Electronics के IPOs 7 अक्टूबर 2025 को शुरू हुए, ग्रे मार्केट प्रीमियम और सब्सक्रिप्शन में स्पष्ट अंतर, जिससे निवेशकों के फैसले प्रभावित होते हैं।
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