लिंक पर आते ही आपको लिंचिंग की घटनाएं, उनके पीछे के सामाजिक कारण और अदालत में चल रही केसों का सार मिलना चाहिए. हम यहाँ आसान भाषा में बता रहे हैं कि क्या होता है, क्यों होते हैं और इसको रोकने के लिए कौन‑क्या कदम उठाए जा रहे हैं.
पिछले दो महीनों में कई छोटे शहरों में तेज़ी से लिंचिंग की घटनाएं सामने आईं. अक्सर झूठे आरोप, सोशल मीडिया पर घुमती अफवाहें और स्थानीय राजनीति का असर प्रमुख कारण बनते हैं. उदाहरण के तौर पर, एक गाँव में दावे के आधार पर 30 साल के व्यक्ति को पीड़ित मान कर लोगों ने उसे मार गिराया – पुलिस बाद में इसको गलतफहमी बताया.
ऐसे मामलों में अक्सर साक्ष्य की कमी होती है, इसलिए न्याय प्रणाली धीरे‑धीरे काम करती है. लेकिन सार्वजनिक दबाव बढ़ता जा रहा है और मीडिया इन घटनाओं को तेज़ी से उजागर कर रहा है, जिससे अधिकारियों पर कार्रवाई करने का दबाव बनता है.
सरकार ने लिंचिंग रोकने के लिए कुछ नए नियम पेश किए हैं. अब किसी भी झूठे आरोप या साक्ष्य‑हीन अभियोजन पर फौजदारी केस चलाया जा सकता है, और पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी होगी. साथ ही कई NGOs समुदाय में जागरूकता अभियान चला रही हैं – वे लोगों को यह समझाते हैं कि न्यायालय ही सही जगह है, न कि गली का जाम.
अगर आप किसी लिंचिंग की खबर सुनते हैं, तो सबसे पहला काम पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवाना चाहिए. सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने से बचें और भरोसेमंद स्रोतों से जानकारी लें. ऐसा करने से गलत लोगों को सजा नहीं मिलेगी और असली अपराधियों तक पहुंच आसान होगी.
सेंचुरी लाइट्स पर हम हर हफ्ते ऐसे ही प्रमुख मामलों का सारांश देते हैं, ताकि आप अपडेट रहें और सही कदम उठा सकें. पढ़ते रहिए, समझते रहिए और अपने अधिकारों को जानिए – यही सबसे बड़ा बचाव है।
बांग्लादेश में अभिनेता शांत खान और उनके पिता सलीम खान की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई। इस दुखद घटना के दौरान उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए गोली भी चलाई थी। शांत खान एक उभरते हुए अभिनेता थे जिन्होंने 2019 में 'प्रेम चोर' से डेब्यू किया था। इस घटना की बॉलीवुड और बंगाली फिल्म इंडस्ट्री द्वारा कड़ी निंदा की जा रही है।
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