भारत में हर पाँच साल में एक बार राष्ट्रपति चुना जाता है, और इस बार का चक्र 2024 में पूरा होने वाला है। कई लोग पूछते हैं‑ कौन जीतेगा, वोटिंग कैसे हो रही है और परिणाम कब आएँगे? आइए, सरल शब्दों में समझें कि अब तक क्या हुआ है और आगे क्या उम्मीद कर सकते हैं।
इस चुनाव में दो बड़े नाम सामने आ रहे हैं। पहला है अनुभवी राजनेता डॉ. अजीत सिंह बिस्वास, जो पहले राज्यसभा सदस्य और कई सामाजिक योजनाओं के मुख्य अधिकारी रह चुके हैं। उनका टैग‑लाइन "परिवर्तन की ताक़त" है, इसलिए उनकी टीम ग्रामीण विकास पर ज़ोर दे रही है। दूसरा प्रमुख नाम श्रीमती रिया शर्मा है, जिनकी पृष्ठभूमि में शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के काम शामिल हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की थी और अब वो राष्ट्रपति पद को एक नई दिशा देना चाहती हैं। दोनों उम्मीदवारों के समर्थक अलग‑अलग क्षेत्रों से आ रहे हैं, इसलिए अभियान काफी रंगीन दिख रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं, बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से तय होता है। इस कॉलेज में संसद के दोनों सदनों के सदस्य और राज्य विधानसभाओं के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। वर्तमान में 785 वोटर्स ने अपना मत डाल दिया है, जिसका मतलब है कि लगभग 80 % मतदान हो चुका है। कई राज्यों ने इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम अपनाया है, जिससे गिनती तेज़ और पारदर्शी हुई है। अगर आप किसी सांसद या विधायक के पास हों तो आप अपनी पार्टी की सिफारिश देख सकते हैं; अधिकांश बड़े दल अपने उम्मीदवार का समर्थन स्पष्ट कर चुके हैं।
अब तक के आँकड़ों से पता चलता है कि बिस्वास को लगभग 410 वोट मिले हैं, जबकि शर्मा ने करीब 370 हासिल किए हैं. यह अंतर अभी भी बदल सकता है क्योंकि कुछ राज्यों में गिनती चल रही है। यदि आप इस चुनाव पर नजर रख रहे हैं तो रीयल‑टाइम अपडेट्स और टीवी चैनलों के विश्लेषण देखना फायदेमंद रहेगा।
एक बात जो अक्सर छूट जाती है, वो है मतदान की रणनीति। कई छोटे दल अपने वोट को बड़े गठबंधन में बाँटते हैं ताकि उनका प्रभाव बढ़े। इस साल भी कुछ छोटे पार्टी ने बिस्वास के पक्ष में अपना समर्थन दिया, जबकि अन्य ने शर्मा को सिफारिश की। यह दर्शाता है कि राजनैतिक समीकरण हमेशा सरल नहीं होते।
अगर आप अभी तक नहीं जानते कि आपके राज्य में कौनसा उम्मीदवार अधिक समर्थन पा रहा है, तो स्थानीय समाचार पत्र और ऑनलाइन पोर्टल पर "इलेक्टोरल कॉलेज" सेक्शन देखें। वहाँ अक्सर सीट‑वाइस डेटा मिलता है, जिससे आप समझ सकते हैं कि अगले कुछ दिनों में परिणाम कैसे बदल सकता है।
परिणाम की घोषणा आधिकारिक तौर पर 20 जुलाई को होने वाली है। इस दिन सभी वोटों का अंतिम सारांश तैयार किया जाएगा और राष्ट्रपति पद के लिए नया चेहरा चुना जाएगा। अगर बिस्वास जीतते हैं, तो उनका फोकस ग्रामीण विकास, डिजिटल साक्षरता और स्वास्थ्य सुधार रहेगा। वहीं अगर शर्मा जीतीं, तो महिला शक्ति, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण को प्रमुख एजेंडा माना जा सकता है।
सम्पूर्ण रूप से देखें तो राष्ट्रपति चुनाव 2024 न सिर्फ एक राजनीतिक घटना है, बल्कि देश की दिशा तय करने वाला मोड़ भी है। चाहे आप किसी विशेष पार्टी के समर्थक हों या बस एक जागरूक नागरिक, इस प्रक्रिया को समझना और उसके परिणामों पर नजर रखना जरूरी है। इससे आप भविष्य में आने वाले नीति बदलावों को बेहतर ढंग से पढ़ सकेंगे।
आखिरकार, चुनाव का मतलब सिर्फ वोट गिनाना नहीं, बल्कि लोगों की उम्मीदें, जरूरतें और सपने भी दिखाना होता है। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में यही सब देखने को मिलेगा—और हम सभी को इसका हिस्सा बनना चाहिए।
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने मिनेसोटा के गवर्नर टिम वॉल्ज़ को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुना है। टिम वॉल्ज़ एक प्रगतिशील नीतियों के समर्थक हैं और ग्रामीण तथा श्रमिक वर्ग के मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हैं। उनका राजनीतिक अनुभव और साहसिक निर्णय कमला हैरिस की मुहिम को मजबूत कर सकते हैं।
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