जम्मू-कश्मीर के डोडा में मुठभेड़: राष्ट्रीय कांफ्रेंस की संवेदनाएं
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार शाम को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार भारतीय सेना के जवानों और एक पुलिस अधिकारी की शहादत पर राष्ट्रीय कांफ्रेंस ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। जवानों की बहादुरी और बलिदान के प्रति कृतज्ञता जताते हुए राष्ट्रीय कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में इस गंभीर घटना की कड़ी निंदा की है।
मुठभेड़ कैसे हुई
सोमवार शाम को डोडा जिले में आतंकवादियों की गतिविधियों की सूचना पर भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने एक संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान, आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई।
मुठभेड़ के शुरुआती दौर में ही आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उनका पीछा किया। रात के करीब 9 बजे फिर से दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से चार ने बाद में अपने बहादुर प्राण त्याग दिए। इनमें एक मेजर और अन्य तीन जवान शामिल थे।
शहीदों का बलिदान
राष्ट्रीय कांफ्रेंस ने इस घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि जवानों और पुलिस अधिकारी का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पार्टी ने इस मौके पर शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सलामी व्यक्त की। फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवादियों के कृत्यों को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस तरह की कायराना हरकतों का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया। अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई और आतंकवादियों को पकड़ने या समाप्त करने के लिए व्यापक अभियान चलाया गया। इस मुठभेड़ ने एक बार फिर से सुरक्षा बलों की तत्परता और जुनून को प्रदर्शित किया है।
मुठभेड़ के प्रभाव
इस मुठभेड़ से डोडा क्षेत्र में आतंकवादियों की उपस्थिति और उनके खतरों का स्पष्ट संकेत मिलता है। हालांकि, सुरक्षाबलों की तत्परता और संयुक्त अभियान ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
राष्ट्रीय कांफ्रेंस का संदेश
राष्ट्रीय कांफ्रेंस ने सरकार से अपील की है कि वह देश के जवानों और पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए और आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे। इस हादसे ने पूरे जम्मू-कश्मीर को हिलाकर रख दिया है और लोग शहीद जवानों को याद कर रहे हैं।
शहीदों की याद में कार्यक्रम
डोडा और आसपास के क्षेत्रों में शहीद जवानों की याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्थानीय लोग और अधिकारियों ने शहीदों के परिवारों को सांत्वना दी और उनके साथ खड़े होने का संकल्प लिया।
यह घटना एक बार फिर से यह दिखाती है कि देश की सुरक्षा बलें दिन-रात चौबीसों घंटे देश की सुरक्षा में तत्पर रहती हैं और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सक्षम हैं।