भारत-बांग्लादेश संबंध: क्या चल रहा है?

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते इतिहास, भाषा और सड़कों से जुड़े हैं. दो देश एक‑दूसरे के पड़ोसी हैं, लेकिन साथ ही कई मुद्दों पर सहयोग भी करते हैं। आज हम देखेंगे कि व्यापार, जल‑साझा, सीमा समाधान और सांस्कृतिक आदान‑प्रदान कैसे इनके संबंध को आकार दे रहे हैं।

व्यापार का तेज़ी से बढ़ता धारा

पिछले पाँच साल में भारत‑बांग्लादेश व्यापार दो गुना हुआ है. भारतीय वस्त्र, फार्मा और मशीनरी बांग्लादेश की बाजार में हिट हैं, जबकि बांग्लादेश से तैयार कपड़े और जूट भारत में लोकप्रिय हो रहे हैं। दोनों देशों ने 2023 में एक नया मुक्त वाणिज्य समझौता किया जिससे कस्टम शुल्क कम हुए और सीमा पार ट्रकिंग तेज़ हुई. छोटे व्यापारियों के लिए अब दो‑तीन दिन में सामान पहुँचाना संभव है.

बांग्लादेश की रॉयल्टी‑फ्री ज़ोनों में भारतीय निवेश भी बढ़ रहा है. फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबली और ट्यूशन सेंटर इस प्रवाह को आगे ले जा रहे हैं। अगर आप अपना छोटा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो दोनों देशों के व्यापार पोर्टलों पर पंजीकरण आसान है.

जल‑विवाद से सहयोग तक

गंगा‑बराकपुर और तुंगाबंधा जैसी नदियों का पानी बाँटना हमेशा विवाद का कारण रहा. 2021 में दो देशों ने नया जल‑साझा समझौता किया, जिसमें बांग्लादेश को गंगा के कुछ हिस्से की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हुई. इससे बांग्लादेश की खेती और पेयजल समस्या में राहत मिली.

अब दोनों देश जल‑पर्यावरण प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम कर रहे हैं: नदियों के किनारे कच्चा पानी साफ़ करने वाली प्लांट, मछली पालन और इको‑टूरिज़्म। यह सहयोग न केवल पर्यावरण को बचाता है बल्कि रोजगार भी पैदा करता है.

सीमा मुद्दे हमेशा जटिल रहे हैं, लेकिन हाल ही में दो देशों ने ‘सुरक्षा समझौता’ पर हस्ताक्षर किए जिससे सीमा के पास का अपराध घटा और लोगों की आवाज़ें सुनी जा सकें। कस्टम सुविधाओं को एकीकृत कर अब व्यापारियों को कम दिक्कत होती है.

संस्कृति भी इन रिश्तों की रीढ़ है. बंगाली भाषा, संगीत और त्यौहार दोनों देशों में समान रूप से मनाए जाते हैं. हर साल ‘बांग्ला महोत्सव’ भारत के कई शहरों में होता है जहाँ बांग्लादेशी कलाकार अपनी कला दिखाते हैं. इसके अलावा छात्र विनिमय कार्यक्रम बढ़े हुए हैं; अब 10,000 से अधिक छात्र हर साल एक-दूसरे के देश में पढ़ाई करते हैं.

भविष्य की योजना भी स्पष्ट है: 2026 तक दो‑तरफा व्यापार को $15 बिलियन तक ले जाना, जल‑साझा परियोजनाओं का विस्तार और सीमा पार डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाना. सरकारें नियमित रूप से उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित कर रहे हैं ताकि कोई भी नई समस्या जल्दी सुलझाई जा सके.

समाप्ति में कहें तो भारत‑बांग्लादेश संबंध एक जीवित, बदलता और सहयोगी नेटवर्क है. चाहे व्यापार हो, जल संसाधन या सांस्कृतिक आदान‑प्रदान, दोनों देशों के लोग एक साथ आगे बढ़ने का रास्ता चुन रहे हैं। अगर आप इन क्षेत्रों में अवसर देखना चाहते हैं तो अभी वेबसाइट पर रजिस्टर कर सकते हैं या स्थानीय व्यापार मंडल से जुड़ सकते हैं.

भारत में चुप रहें शेख हसीना, बांग्लादेश उनकी प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहा है: मुहम्मद यूनुस
सितंबर 6, 2024
भारत में चुप रहें शेख हसीना, बांग्लादेश उनकी प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहा है: मुहम्मद यूनुस

मुहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत से राजनीतिक बयानबाजी की आलोचना की है और उन्हें बांग्लादेश के प्रत्यर्पण तक चुप रहने की सलाह दी है। उन्होंने हसीना की टिप्पणियों को 'अमित्रता का संकेत' बताया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच असहजता हो रही है। यूनुस ने बांग्लादेश की स्थिरता और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।

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