जब हम दंड, किसी भी नियम‑उल्लंघन के बाद लागू होने वाली शारीरिक या वित्तीय सजा. Also known as सजा, it serves as a deterrent and corrective tool in society.
अब दंड को सिर्फ कठोर सजा नहीं, बल्कि एक प्रबंधकीय उपाय मानें। जुर्माना, आर्थिक दंड का एक रूप, जो नोटिस या कोर्ट के आदेश पर लागू होता है. यह दंड का सबसे साधारण रूप है – पैसे की शर्त। साथ ही स्पोर्ट्स दंड, खेल में खिलाड़ियों या टीमों को नियम‑उल्लंघन पर दिया गया प्रतिबंध. चाहे वॉक‑ओवर हो या फाइन, ये दंड खेल की निष्पक्षता को सुरक्षित रखते हैं।
भारत की न्याय प्रणाली में कानूनी दंड, सिविल या फौजदारी मामलों में कोर्ट द्वारा निर्धारित सजा मुख्य भूमिका निभाता है। यह न सिर्फ अपराधियों को रोकता है, बल्कि सामाजिक व्यवस्था को भी स्थिर रखता है। उदाहरण के तौर पर, ICC ने क्रिकेट में ओवर‑रेट पर जुर्माना लगाया, जिससे खिलाड़ियों को समय‑संचालन की सख्त निगरानी मिली। इसी तरह, भारत‑नेपाल सीमा में सीमा सुरक्षा उपायों के तहत दंडात्मक कार्रवाई से क्षेत्र में शांति बनी। दंड सिर्फ फाइन या जेल तक सीमित नहीं, बल्कि सजाय, व्यवहार को सुधारने हेतु दी गई चेतावनी या प्रतिबंध भी शामिल है। सामाजिक संदर्भ में, यह शिक्षित करने वाला उपाय है, जैसे कि ट्रैफ़िक उल्लंघन पर पॉइंट हटाना या ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करना। ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि दंड विभिन्न क्षेत्रों में कैसे काम करता है और क्यों उसकी समझ जरूरी है। ऊपर बताए गए प्रकारों को समझने से आप खुद को या अपने परिचितों को दंड से बचाने के तरीके जान पाएँगे। नीचे दी गई सूची में आपको हालिया समाचार, केस स्टडी और विशिष्ट उदाहरण मिलेंगे, जो दिखाते हैं कि दंड कैसे लागू होता है और उसका असर क्या रहता है। पढ़ते रहिए, ताकि आप दंड के व्यावहारिक पहलुओं से लैस हो सकें।
ITR फ़ाइलिंग डेडलाइन को तकनीकी गड़बड़ी के कारण 16 सितंबर 2025 तक बढ़ाया गया। CBDT ने सोशल मीडिया पर फैली झूठी खबरों को खारिज किया और मूल समय‑सीमा को ठीक रखा। विभिन्न करदाता वर्गों की अलग‑अलग अंतिम तिथि, दंड की संरचना और देर से फाइलिंग के लिए अतिरिक्त फीस के बारे में विस्तार से बताया गया।
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