अगर आप दिल्ली की अदालत से जुड़ी ख़बरें चाहते हैं तो यह पेज आपके लिए बना है। यहाँ हम सबसे ताज़ा निर्णय, सुप्रीम कोर्ट के आदेश जो दिल्ली‑NCR को प्रभावित करते हैं, और कानूनी बदलावों का आसान भाषा में सार लाते हैं। पढ़ते ही समझेंगे कि खबर आपका दिन कैसे बदल सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली‑NCR से सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्ते में शेल्टर में भेजने का आदेश दिया। इस फैसले पर शहर की कई NGOs और पालतू प्रेमियों ने विरोध जताया, लेकिन अदालत ने सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी। इसी समय उच्च न्यायालय ने MCD के स्टरलाइज़ेशन सेंटर अपग्रेड करने के निर्देशों को लागू करवाने की दिशा में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए। इन दोनों केसों से साफ़ है कि जानवर संरक्षण और शहरी स्वच्छता अब अदालत का मुख्य फोकस बन गया है।
एक अन्य महत्वपूर्ण ख़बर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुछ रियल एस्टेट विवादों पर तेज़ी से कार्यवाही करने को कहा, जिससे निवेशकों को भरोसा मिला। कोर्ट ने यह भी बताया कि अगर कोई पार्टी वैध दस्तावेज़ नहीं दिखा पाती तो केस स्वीकृत नहीं होगा। इससे न केवल अदालत की कार्यक्षमता बढ़ेगी बल्कि आम नागरिकों के लिए न्याय का रास्ता आसान होगा।
हर निर्णय के पीछे मुख्य कारण, असर और अगले कदम होते हैं। आप जब भी कोई केस खोलते हैं तो सबसे पहले ‘फ़ैसला’ सेक्शन देखें – वहाँ अदालत ने क्या कहा है। फिर ‘कारण’ भाग में लिखी गई तर्कधारा पढ़ें; यह समझने में मदद करेगा कि न्यायाधीश क्यों उस दिशा में गये। अंत में ‘आदेश’ को नोट करें, क्योंकि वही वह चीज़ है जो आपको आगे करनी चाहिए – जैसे फाइन भरना या दस्तावेज़ जमा करना।
अगर आप इस पेज पर दिखाए गए लेखों की पूरी लिस्ट चाहते हैं तो नीचे स्क्रॉल करके शीर्षक देखें। प्रत्येक लेख में संक्षिप्त सारांश, मुख्य बिंदु और आगे पढ़ने के लिए सुझाव दिए गये हैं। इससे आपको हर केस का पूरा चित्र मिल जाएगा बिना बहुत समय गंवाए।
दिल्ली उच्च न्यायालय की ख़बरों को रोज़ अपडेट किया जाता है, इसलिए बार‑बार चेक करते रहें। चाहे आप वकील हों, व्यवसायी या सामान्य नागरिक – यहाँ की जानकारी आपके दैनिक निर्णयों में मदद करेगी। आगे पढ़िए और खुद देखें कि अदालत का हर फ़ैसला आपकी जिंदगी से कैसे जुड़ता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है। मामला दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने शराब लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे राजकोष को 2,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
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