ECOSOC Youth Forum – क्या है और क्यों महत्वपूर्ण?

ECOSOC (Economic and Social Council) का Youth Forum एक ऐसा मंच है जहाँ दुनिया भर के युवा सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर सीधे यूएन से बात कर सकते हैं। यह केवल बैठकों की श्रृंखला नहीं, बल्कि वास्तविक कार्रवाई की शुरुआत भी है। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका विचार कैसे अंतरराष्ट्रीय नीतियों में बदल सकता है, तो इस मंच को समझना जरूरी है।

मुख्य चर्चाएँ और हाल के सत्र

पिछले कुछ महीनों में Forum ने जलवायु परिवर्तन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार और डिजिटल समावेशन जैसे विषयों पर गहन बहसें कीं। उदाहरण के लिए, एक सत्र में भारतीय युवा समूह ने ग्रामीण इंटरनेट पहुंच बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, जिसे कई देशों ने सराहा। इसी तरह, अफ्रीकी प्रतिनिधियों ने जल संरक्षण हेतु स्थानीय समाधान पेश किए, जिससे नीति निर्माताओं को नया दृष्टिकोण मिला।

इन चर्चाओं की रिपोर्टें सेंचुरी लाइट्स पर रोज़ अपडेट होती हैं, इसलिए आप हमेशा ताज़ा जानकारी पा सकते हैं। हमारा लक्ष्य है कि आप सिर्फ समाचार नहीं पढ़ें बल्कि उनका असर समझें और अपने आसपास लागू कर सकें।

आप कैसे जुड़ सकते हैं?

अगर आप छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता या पेशेवर युवा हैं, तो Forum में भाग लेना आसान है। सबसे पहले UN Youth Portal पर पंजीकरण करें और अपनी रुचि के अनुसार सत्र चुनें। फिर ऑनलाइन वेबिनार, वर्कशॉप या फील्ड प्रोजेक्ट में शामिल हों। अधिकांश कार्यक्रम मुफ्त होते हैं, बस एक सक्रिय मन चाहिए।

सेंचुरी लाइट्स पर हम अक्सर ऐसे अवसरों की विस्तृत सूची देते हैं – जैसे शॉर्ट-टर्म इंटर्नशिप, वॉलंटियर प्रोग्राम और फंडिंग ग्रांट। आप अपने प्रोफ़ाइल को अपडेट रखकर नए अलर्ट प्राप्त कर सकते हैं, जिससे कोई भी मौका हाथ से नहीं निकलता।

याद रखें, Forum का असली मकसद है आवाज़ों को एक साथ लाना। आपका छोटा‑सा योगदान बड़े बदलाव की राह बना सकता है। इसलिए पढ़ें, शेयर करें और सक्रिय रहें – यही ECOSOC Youth Forum का मूल मंत्र है।

ECOSOC Youth Forum 2025: इंडिया की अनन्या शर्मा ने बालिका और महिला शिक्षा पर रखी दमदार बात
मई 6, 2025
ECOSOC Youth Forum 2025: इंडिया की अनन्या शर्मा ने बालिका और महिला शिक्षा पर रखी दमदार बात

ECOSOC Youth Forum 2025 में दिल्ली की छात्रा अनन्या शर्मा ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए महिलाओं और बच्चों की शिक्षा में होने वाली बाधाओं और औपनिवेशिक सोच के असर पर गहरी बात की। उन्होंने समावेशी विकास और युवाओं की भूमिका को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज बुलंद की।

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