जलवायु परिवर्तन – क्या है और हमारे जीवन में इसका असर

जब बात मौसम की आती है तो अक्सर हम कह देते हैं ‘आज बहुत गर्मी है’ या ‘बारिश नहीं हो रही’। ये सब सिर्फ मौसमी बदलाव नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन का हिस्सा हैं। आसान शब्दों में कहें तो धरती के वातावरण में गैसें बढ़ गईं हैं, जिससे तापमान तेज़ी से ऊपर जा रहा है और मौसम अनियमित हो गया है।

मुख्य कारणों में कोयला, तेल व गैस की जलाने वाली फैक्ट्रीज, बड़े‑बड़े वाहनों का धुआँ और जंगलों की कटाई शामिल हैं। इन सब से कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन जैसे ग्रीनहाउस गैसें बढ़ती हैं और सूरज की रोशनी को धरती के पास ही फंसाते हैं। परिणाम? गर्मी में इजाफा, बर्फ़ का पिघलना, समुद्र स्तर उठना और अनपेक्षित बारिश।

भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रमुख असर

हमारे देश में पहले ही कई बदलाव दिख रहे हैं। उत्तर भारत में गर्मी की लहरें अब मई‑जून से शुरू होती हैं, जबकि पूर्वोत्तर में अचानक बाढ़ आती है क्योंकि हिमालय की बर्फ़ जल्दी पिघल रही है। पश्चिमी घड़ियाल (गुजरात, महाराष्ट्र) में जलस्तर घट रहा है जिससे खेती पर सीधा असर पड़ता है। इसी तरह कर्नाटक और तमिलनाडु में सूखे के कारण कुओँ खाली हो रहे हैं।

इन सब बदलावों से लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी, स्वास्थ्य और आजीविका पर दबाव बढ़ रहा है। डेंगर जैसी बीमारियां नई जगहों पर फैल रही हैं, फसल नुकसान से किसान आर्थिक संकट में आ रहे हैं और शहरों में एयर क्वालिटी गिरती जा रही है।

घर से शुरू करें ये आसान कदम

बड़े बदलाव तभी संभव होते हैं जब हर घर छोटा‑छोटा योगदान दे। पहला कदम है बिजली बचाना – लाइट बंद रखें, एसी की सेटिंग 24 डिग्री पर रखें और ऊर्जा‑सहेज उपकरण इस्तेमाल करें। दूसरा, प्लास्टिक के बजाय कपड़ा या काँच का बर्तन उपयोग करें; ये न सिर्फ जलवायु परिवर्तन में मदद करता है बल्कि पर्यावरण को भी साफ रखता है।

तीसरा, कार की जगह सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट, साइकिल या पैदल चलना अपनाएं। यदि दूरी ज्यादा हो तो कारपूलिंग एक अच्छा विकल्प है। चौथा, पेड़ लगाना सबसे असरदार कदमों में से एक है – हर साल कम से कम दो पौधे लगाएँ, चाहे बालकनी में हों या बगीचे में।

सरकार भी कई योजनाएं चला रही है जैसे सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना, इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी और जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय मिशन। इनको समझकर आप सरकारी ग्रांट या स्कीम का लाभ उठा सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या लगती है, लेकिन जब हम छोटे‑छोटे कदम रोज़मर्रा में लागू करते हैं तो असर ज़्यादा दिखता है। इस टैग पेज पर आपको ताज़ा ख़बरें, विशेषज्ञों की राय और आसान टिप्स मिलेंगे – पढ़िए, समझिए और आज से ही बदलाव शुरू करें।

Earth Day 2025: धरती बचाओ का संकल्प और 55वीं वर्षगांठ
अप्रैल 22, 2025
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22 अप्रैल को मनाया जाने वाला अर्थ डे हर साल पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी याद दिलाता है। 2025 में इसकी 55वीं वर्षगांठ है, जिसका फोकस जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ जीवनशैली पर है। दुनियाभर के 192 से अधिक देश इसमें हिस्सा लेते हैं।

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