अगर आप अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बारे में हिंदी में सबसे नई खबरें चाहते हैं, तो ये पेज आपके लिए है। हम रोज़ाना बाइडन से जुड़ी राजनीति, विदेश नीति, आर्थिक फैसले और भारत‑अमेरिका संबंधों की रिपोर्ट लाते हैं। यहाँ पढ़कर आपको सीधे समझ आएगा कि बाइडन की हर घोषणा देश‑विदेश में कैसे असर डालती है।
पिछले महीने बाइडन ने क्लाइमेट परिवर्तन पर नई पहल शुरू की, जिससे भारत के नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को फंडिंग मिली। इसी दौरान वह चीन‑तीव्र व्यापार नीति का विरोध करते हुए एक सख्त बयान भी दिया। इन दोनों कदमों ने वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है और कई देशों से प्रतिक्रिया आने लगी है।
घरेलू स्तर पर बाइडन की स्वास्थ्य सुधार योजना अब कांग्रेस के बहुमत को चुनौती दे रही है। नया बिल अगर पास हो गया तो दवाओं की कीमतें कम होंगी, लेकिन कुछ राज्यों ने इसे बजट में दबाव बनाते हुए रोका है। इन मुद्दों का असर रोज़मर्रा के लोगों तक भी पहुँच रहा है, इसलिए आपसे जुड़ी खबरें यहाँ अपडेट रहती हैं।
बाइडन ने हाल ही में दिल्ली की यात्रा की और दो बड़े समझौते साइन किए। पहला ऊर्जा सहयोग पर था, जिससे भारत को अमेरिकी तकनीक के साथ मिलकर हाइड्रोजन प्रोजेक्ट शुरू करने का मौका मिलेगा। दूसरा सुरक्षा क्षेत्र में है, जहाँ दोनों देशों ने साइबर‑डिफेन्स के लिए नई टास्क फोर्स बनायीं। ये कदम भारतीय उद्योग और युवाओं के लिए नए अवसर खोलेंगे।
इन समझौतों पर कुछ आलोचक कहते हैं कि भारत को ज्यादा आर्थिक दायित्व नहीं लेना चाहिए, लेकिन सरकार का कहना है कि यह दीर्घकालिक रणनीतिक लाभ देगा। बाइडन की इस नीति ने कई व्यापारियों और स्टार्ट‑अप्स को आशा दिलाई है, इसलिए हम इन बदलावों को विस्तार से कवर करेंगे।
हमारी टीम हर प्रमुख बयान, प्रेस कॉन्फ्रेंस और अंतरराष्ट्रीय मीटिंग का हिंदी में सारांश देती है। चाहे बाइडन की विदेश यात्रा हो या घरेलू नीति, आप यहाँ सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को आसानी से समझ पाएंगे। हमारा लक्ष्य है कि आपको केवल तथ्य नहीं, बल्कि उनके पीछे की वजह भी स्पष्ट रहे।
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जो बाइडन ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के अंतिम समय में कई सार्वजनिक हस्तियों को पूर्व संभावित क्षमादान जारी किए। इनमें जनवरी 6 समिति के सदस्य जैसे कि लिज़ चेनी, जनरल मार्क मिले और डॉ. एंथनी फौसी शामिल हैं। यह कदम उनके उत्तराधिकारी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विश्वास की कमी के रूप में देखा जा रहा है ताकि इन व्यक्तियों को नए प्रशासन के तहत संभावित प्रतिशोध से बचाया जा सके।
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