क्या आप अक्सर सुनते हैं कि रिज़र्व बैंक की नई घोषणा से बाजार हिल जाता है? हम यहाँ आपको आसान शब्दों में बता रहे हैं कि मौद्रिक नीति का क्या मतलब है और अभी कौन‑सी खबरें ज़्यादा महत्त्वपूर्ण हैं। पढ़िए, समझिए और अपने वित्तीय फैसले बेहतर बनाइए।
रिज़र्व बैंक ने पिछले महीने रेपो दर को 6.5% से 7.0% कर दिया। इसका सीधा असर आपके बचत खातों और लोन की क़ीमत पर पड़ता है। अगर आप होम लोन या कार लोन लेने का सोच रहे हैं, तो इस बढ़ोतरी को ध्यान में रखें – मासिक किस्तें पहले से थोड़ी ज्यादा होंगी। दूसरी तरफ, हाई‑इंटरेस्ट बचत योजनाओं में अब थोड़ा बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
साथ ही RBI ने बाजार में तरलता घटाने के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) का इस्तेमाल किया। इसका मतलब है कि बैंकिंग सिस्टम से पैसे निकालना, जिससे महंगाई को काबू करने की कोशिश होती है। यदि आप स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो इस कदम से शेयर बाजार में अस्थिरता देखी जा सकती है। लेकिन याद रखिए—अस्थायी गिरावट हमेशा बुरा नहीं, कभी‑कभी यह खरीदने का सही समय भी हो सकता है।
इंडिया की महंगाई दर अभी 5.8% के आस-पास घूम रही है, जो लक्ष्य रेंज (4-6%) से थोड़ी बाहर है। खाने‑पीने की कीमतें बढ़ी हैं, खासकर तेल और अनाज में। अगर आप रोज़मर्रा के खर्चों को कम करना चाहते हैं, तो सीज़नल फ़लों और लोकल ब्रांड्स का प्रयोग करें—ये अक्सर महँगे आयातित प्रोडक्ट से सस्ते होते हैं।
सरकार ने कई बार किफायती किराना योजनाएं चलाई हैं, जैसे कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में अनाज की कीमतें स्थिर रखना। इन सुविधाओं को पूरी तरह से इस्तेमाल करें; पैन कार्ड और राशन कार्ड अपडेटेड रखें, ताकि आपको लाभ मिल सके।
ब्याज दरों के बदलाव और महंगाई दोनों आपके बचत, लोन और निवेश पर असर डालते हैं। इसलिए हर महीने RBI की घोषणाएं देखना फायदेमंद है। आप इसे आधिकारिक वेबसाइट या भरोसेमंद समाचार पोर्टल से फ़ॉलो कर सकते हैं।
अंत में एक आसान टिप: अगर आपके पास बचत खाता है, तो रेपो दर बढ़ने पर डिपॉज़िट की अवधि छोटा रखिए और अधिक ब्याज वाली स्कीम चुनें। लोन के लिये EMI को कम करने के लिए पहले से ही प्री‑पेमेंट विकल्प देखें। इस तरह आप मौद्रिक नीति में बदलाव का फायदा उठाते हुए अपने वित्तीय लक्ष्य पूरे कर सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने वित्त वर्ष 2024-25 की द्वि-मासिक मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आयोजित मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। समिति ने 4:2 के वोटिंग अनुपात से यह फैसला लिया और 'अनुकूल रुख' को जारी रखने का संकल्प लिया। आरबीआई ने GDP वृद्धि दर का अनुमान भी संशोधित कर 7.2% कर दिया है।
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