आपने मुहम्मद यूनुस के बारे में सुना होगा—वो बांग्लादेशी सामाजिक उद्यमी जो गरीबी उन्मूलन का नया तरीका लेकर आए। अगर आप उनके काम से जुड़ी नई जानकारी चाहते हैं, तो यह पेज आपके लिये सही जगह है। यहाँ हम सरल भाषा में उनके जीवन की कहानी और सेंचुरी लाइट्स पर प्रकाशित हालिया लेखों को जोड़ते हैं।
मुहम्मद यूनुस ने 1983 में ग्रैमी बैंक की शुरुआत की, जो गरीब लोगों को बिना गारंटी के छोटे‑छोटे ऋण देता है। उनका मानना था कि अगर लोगों को खुद की कमाई करने का मौका मिले तो गरीबी धीरे‑धीरे ख़त्म होगी। इस विचार ने दुनियाभर में माइक्रोफ़ाइनेंस मॉडल को लोकप्रिय बना दिया। आज भी यूनुस कई विश्वविद्यालयों और संगठनों के साथ मिलकर सामाजिक उद्यमिता पर काम कर रहे हैं।
उनकी कहानी में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब 2006 में उन्हें शांति पुरस्कार मिला। इस सम्मान ने उनके विचारों को एक नई ऊर्जा दी और बहुत सारे युवा लोगों को सामाजिक बदलाव की ओर आकर्षित किया। यदि आप अपने आसपास के समुदाय में छोटे‑छोटे प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं, तो यूनुस का मॉडल देखना फायदेमंद रहेगा।
हमारी साइट ने हाल ही में कई लेख प्रकाशित किए हैं जो सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से मुहम्मद यूनुस की गतिविधियों को कवर करते हैं। उदाहरण के तौर पर, "अफगानिस्तन भूकंप" वाले समाचार में आप देख सकते हैं कि कैसे माइक्रो‑फ़ाइनेंस संस्थाएँ बुनियादी जरूरतों की राहत में मदद कर रही हैं—यह वही सिद्धांत है जो यूनुस ने बताया था।
एक और लेख "Supreme Court का सख्त आदेश" में हम बात करते हैं कि सामाजिक न्याय को लागू करने के लिए कानूनी कदम कितने जरूरी होते हैं, जैसा कि यूनुस ने अपने काम में दिखाया। इन कहानियों से आपको समझ आएगा कि उनके विचार आज भी हमारे रोज़मर्रा की समस्याओं में कैसे उतरते हैं।
अगर आप यूनुस की नई पहल या उनकी टीम के इंटरव्यू देखना चाहते हैं, तो हमारी साइट पर "Earth Day 2025" और "ECOSOC Youth Forum" जैसे टॉपिक भी देखें। इन लेखों में सामाजिक परिवर्तन के विभिन्न आयाम दिखाए गये हैं—पर्यावरण से लेकर युवा शिक्षा तक।
सारांश यह है कि मुहम्मद यूनुस केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक पूरी सोच का प्रतीक हैं। उनकी कहानी को समझना और इसे अपने जीवन में लागू करना आज के दौर में बहुत उपयोगी हो सकता है। हमारे पेज पर आप लगातार अपडेटेड जानकारी पा सकते हैं, इसलिए बार‑बार आना न भूलें।
मुहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत से राजनीतिक बयानबाजी की आलोचना की है और उन्हें बांग्लादेश के प्रत्यर्पण तक चुप रहने की सलाह दी है। उन्होंने हसीना की टिप्पणियों को 'अमित्रता का संकेत' बताया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच असहजता हो रही है। यूनुस ने बांग्लादेश की स्थिरता और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
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