क्या आप जानना चाहते हैं कि आज हमारे समाज को कौन‑सी बातें बदल रही हैं? सेंचुरी लाइट्स पर हम हर दिन ऐसे मुद्दे ले आते हैं जो लोगों की ज़िंदगी में फर्क डालते हैं। इस पेज पर आपको सामाजिक सुधार से जुड़ी ख़बरें, सरकार की नई योजनाएँ और नागरिकों के प्रयास मिलेंगे – वो भी सरल भाषा में। पढ़िए, समझिए और खुद को अपडेट रखिए।
पिछले कुछ हफ़्तों में कई बड़े‑बड़े बदलाव हुए हैं। उदाहरण के लिए, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली‑एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या को सुलझाने हेतु 8 हफ्ते में सभी कुत्तों को शेल्टर भेजने का आदेश दिया। इससे न सिर्फ़ गली‑गली में सफाई आएगी, बल्कि जाँच‑पड़ताल करने वाले लोगों पर भी दबाव कम होगा।
एक और बड़ी ख़बर है रतन टाटा की 10,000 करोड़ रुपये की वसीयत। उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवा के लिये रख दिया, जिसमें बच्चों की शिक्षा और पालतू जानवरों की देखभाल शामिल है। ऐसी पहलें अक्सर नीति निर्माताओं को प्रेरित करती हैं कि वो भी सार्वजनिक हित में बड़े प्रोजेक्ट चलाएँ।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत ने 2025 का अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर भाषा के संरक्षण और स्थानीय शिक्षा पर कई प्रस्ताव सामने आए। अगर आप भाषा‑संबंधी काम में रुचि रखते हैं, तो यह एक अच्छा समय है कि आप स्थानीय NGOs या सरकारी योजनाओं से जुड़ें।
अगर आप व्यक्तिगत रूप से कुछ करना चाहते हैं तो छोटे‑छोटे कदम बड़ा असर डालते हैं। उदाहरण के तौर पर, अपने मोहल्ले में सफाई अभियान आयोजित करें या बच्चों की पढ़ाई में मदद करने वाले ट्यूशन समूह बनाएं। ऐसे प्रयास न सिर्फ़ स्थानीय स्तर पर बदलाव लाते हैं बल्कि बड़े कार्यक्रमों का मॉडल भी बन जाते हैं।
सरकार ने हाल ही में कई नई योजनाएँ लॉन्च की हैं – जैसे कि ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिक स्कूटर की सस्ती कीमतें, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अगर आप उद्यमी हैं तो इन स्कूटर्स को किराये पर देकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।
शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव चल रहा है। CBSE 12वीं परिणामों ने लड़कियों की पास दर को 91.64% तक पहुँचाया, जो महिला सशक्तिकरण का बड़ा संकेत है। अगर आप अभिभावक या शिक्षक हैं तो इस प्रेरणा से अपने छात्रों को आगे बढ़ने के लिए उत्साहित कर सकते हैं।
समाज सुधार में भागीदारी सिर्फ़ बड़ी संस्थाओं की नहीं होती। हर व्यक्ति छोटी‑छोटी आवाज़ों से बदलाव लाता है। इसलिए, जब भी आप कोई सामाजिक मुद्दा देखें – चाहे वह कूड़ा‑कचरा हो या शिक्षा का अभाव – तुरंत कदम उठाएँ या किसी भरोसेमंद NGO को रिपोर्ट करें। आपका एक छोटा प्रयास बड़े परिवर्तन की शुरुआत बन सकता है।
सेंचुरी लाइट्स पर हम इन सभी ख़बरों को रोज़ अपडेट करते रहते हैं, ताकि आप हमेशा सही जानकारी के साथ फैसले ले सकें। अब पढ़ना बंद करके कार्रवाई शुरू करने का समय आया है!
नेटफ्लिक्स की फिल्म 'महाराज', करन पी मल्होत्रा द्वारा निर्देशित और 2013 की गुजराती उपन्यास पर आधारित, आमिर खान के बेटे जुनैद के फिल्मी करियर की शुरुआत है। यह फिल्म 1862 के महाराज मानहानि मामले को नाटकीय रूप में प्रस्तुत करती है, जहां पत्रकार और सामाजिक सुधारक कर्संदास मुलजी ने पुश्टिमार्ग संप्रदाय के पुजारी जदुनाथजी पर उनके यौन शोषण का पर्दाफाश करने वाला लेख लिखा था।
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