शराब नीति क्या है? आसान शब्दों में समझें

अभी कुछ महीने पहले भारत सरकार ने शराब नीति को फिर से अपडेट किया। इस बदलाव का मकसद शराब से जुड़ी समस्याओं को कम करना, स्वास्थ्य को बचाना और कर राजस्व बढ़ाना है। अगर आप सोच रहे हैं कि ये नई नीति आपके रोज़मर्रा के जीवन में क्या फर्क लाएगी, तो पढ़िए आगे.

मुख्य नियम कौन-कौनसे?

पहला बड़ा बदलाव शराब की आयु सीमा है। अब 21 साल से कम उम्र वाले किसी को लाइसेंस नहीं मिलेगा और बार या रेस्टोरेंट में भी उन्हें सर्व नहीं किया जाएगा। दूसरा, विज्ञापन पर कड़ी पाबंदी लगाई गई – टीवी, रेडियो और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर अल्कोहल के प्रचार को सीमित किया गया है, विशेषकर शाम 7 बजे के बाद.

तीसरा नियम शराब की बिक्री समय से जुड़ा है। कई राज्यों में रात 10 बजे के बाद शराब बेचने की अनुमति नहीं रहेगी। साथ ही, छोटे शहरों और कस्बों में नई लाइसेंस जारी करने पर प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि अवैध बॉटलिंग कम हो सके.

चौथा, टैक्स दरें बढ़ा दी गईं। शराब पर अब 30% अतिरिक्त एक्साइस ड्यूटी लगेगी, जिससे कीमतें थोड़ी महंगी होंगी लेकिन सरकारी खजाना भी भरपूर होगा. पाँचवा और आखिरी प्रमुख बिंदु है शराब उत्पादन की क्वालिटी कंट्रोल – हर बैच को सरकारी लेबोरेटरी में टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया है.

आप पर कैसे पड़ेगा असर?

अगर आप 25 साल के हैं और बार में अक्सर जाते हैं, तो अब आपको देर रात तक नहीं पीने का मौका मिलेगा। कीमतें बढ़ सकती हैं, लेकिन साथ ही शराब की क्वालिटी बेहतर होगी – यानी फेक ड्रिंक या मिलावट से बचाव होगा.

व्यवसायियों के लिए भी कुछ चुनौतियां हैं. लाइसेंस नवीनीकरण में अधिक दस्तावेज़ी काम और टैक्स रिटर्न समय पर भरना ज़रूरी है। लेकिन अगर आप वैध तरीके से व्यापार कर रहे हैं, तो नई नीति आपको कानूनी सुरक्षा देगी.

जिन परिवारों में शराब का दुरुपयोग रहा है, उनके लिए ये नियम मददगार हो सकते हैं. आयु सीमा और विज्ञापन प्रतिबंध युवा वर्ग को शुरुआती उम्र में शराब के करीब नहीं लाने में सहायक होंगे.

सरकार ने कहा है कि इस नीति की प्रभावशीलता देखी जाएगी और दो साल बाद फिर से रिव्यू किया जाएगा। इसलिए अगर अभी आप नियमों में बदलाव देखते हैं, तो समझिए कि ये एक प्रगति का कदम है, न कि केवल प्रतिबंध.

सारांश: नई शराब नीति शराब की उम्र सीमा बढ़ाती है, विज्ञापन को सीमित करती है, बिक्री समय को कड़ाई से नियंत्रित करती है और टैक्स व क्वालिटी पर ध्यान देती है. ये बदलाव आपके स्वास्थ्य, सुरक्षा और कानूनी पहलुओं में सीधे असर डालेंगे.

दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित, शराब नीति घोटाले पर टिकी नजरें
जुलाई 31, 2024
दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित, शराब नीति घोटाले पर टिकी नजरें

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है। मामला दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने शराब लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे राजकोष को 2,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

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