शारदीय नवरात्रि: क्यों खास है यह त्यौहार?

शारदीय नवरात्री हिन्दू कैलेंडर में सबसे रोचक नौ‑दिन का उत्सव है। ये आमतौर पर आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी से शुरू होता है और दसवें दिन (वीजाय) तक चलता है। कई लोग इसे दुर्गा पूजा, काली पूजन या माँ के विभिन्न रूपों को सम्मानित करने के अवसर के रूप में देखते हैं। इस समय हवा ठंडी होती है, शाम‑शाम को दीप जलते हैं और घर‑घर से गूँजती शहनाई की आवाज़ सुनने को मिलती है।

मुख्य अनुष्ठान और पूजा विधि

नवां दिन का महालता (अंतिम दिवस) सबसे बड़ा होता है, पर पहले नौ दिनों में भी कुछ खास रिवाज़ होते हैं:

  • आरती और गीत: हर शाम माँ की आरती गाए जाते हैं। महिलाएँ ‘डूडी’ या ‘भजन’ का मंचन करती हैं जिससे माहौल पवित्र बनता है।
  • कोरमा (मिठाई) बनाना: घर‑घर में बेसन, घी और शक्कर से कोरमा तैयार की जाती है। इसे माँ के चरणों में अर्पित किया जाता है और फिर परिवार में बाँटा जाता है।
  • भोजन व्रत: कई लोग इस समय वैध भोजन नहीं लेते या केवल फल‑साबूदाना खाते हैं। यह शारीरिक साफ़‑सुथरा रहने की कोशिश होती है।
  • पुजा सामग्री: लाल कपड़े, कमल के पत्ते और कलश में जल भर कर माँ को अर्पित किया जाता है। छोटे बच्चों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करके उन्हें संस्कृति से जोड़ते हैं।

इन रिवाज़ों का उद्देश्य सिर्फ आध्यात्मिक शांति नहीं बल्कि परिवार‑जोड़ाव को मजबूत करना भी है। जब सब मिलकर गाते‑गाते पूजा करते हैं तो घर की ऊर्जा सकारात्मक बनती है।

2025 में शारदीय नवरात्रि के प्रमुख कार्यक्रम

सेंचुरी लाइट्स ने इस साल के सबसे बड़े नवरात्रि इवेंट्स को कवर किया है:

  • दिल्ली‑एनसीआर में ‘शरादिया मैत्री’ मेले: 15‑21 अक्टूबर तक, जहाँ स्थानीय शिल्पकारों की बिक्री और सांस्कृतिक शो होते हैं।
  • कोलकाता में दुर्गा पूजा महालता: गंगा किनारे के बड़े मंच पर रात‑भर जलता हुआ प्रकाश और ध्वनि शो, साथ ही प्रसिद्ध संगीतकार का लाइव कॉन्सर्ट।
  • कर्नाटक की ‘हली’ यात्रा: ग्रामीण क्षेत्रों में माँ को लेकर काफ़ी दूर तक जुलूस निकाला जाता है, जिससे गाँव‑गाँव में उत्साह फैलता है।
  • ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम: सेंचुरी लाइट्स की वेबसाइट पर सभी प्रमुख रिवाज़ों का HD प्रसारण, ताकि बाहर रहकर भी लोग भाग ले सकें।

इन कार्यक्रमों में भाग लेकर आप न सिर्फ पूजा‑पाठ देख सकते हैं बल्कि स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को सपोर्ट कर सकते हैं। अगर आप बड़े शहर से दूर रहते हैं तो ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सबसे आसान विकल्प है—बस अपने मोबाइल या लैपटॉप पर लॉग‑इन करें और माँ के चरणों में अपना सन्देश भेजें।

शारदीय नवरात्रि का असली मज़ा वही है जब आप परिवार, दोस्त और पड़ोसियों के साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं। इस बार की योजना बनाते समय इन टिप्स को याद रखें: साफ‑सुथरे कपड़े पहनें, पूजा सामग्री पहले से तैयार रखें और सबसे ज़रूरी—खुश रहना न भूलें! चाहे आप घर में छोटी सी पोटली से माँ का रूप सजाएँ या बड़े मंडप में सामुदायिक पूजन में भाग लें, हर तरीका आपके अंदर की शांति को बढ़ाता है।

आख़िरकार, शारदीय नवरात्रि सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। इस साल भी इसे बड़े उत्साह के साथ मनाएँ और सेंचुरी लाइट्स पर ताज़ा खबरें, फोटो‑गैलरी और लाइव कवरेज को फ़ॉलो करना ना भूलें।

मां चंद्रघंटा की आराधना: शारदीय नवरात्रि 2024 के तीसरे दिन का महत्व
अक्तूबर 5, 2024
मां चंद्रघंटा की आराधना: शारदीय नवरात्रि 2024 के तीसरे दिन का महत्व

शारदीय नवरात्रि 2024 के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। यह दिन 5 अक्टूबर 2024 को आता है। माना जाता है कि इस दिन मां की पूजा करने से जीवन में खुशियाँ और सफलता मिलती है। उनकी आरती में उनके सौंदर्य, भक्तों की रक्षा और इच्छाओं की पूर्ति के लिए गाए जाने वाले स्तुति श्लोक शामिल होते हैं। इस दिन की पूजा विधि को सही तरीके से करने का विशेष महत्त्व है।

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