जब हम स्टॉक मार्केट, शेयरों की खरीद‑फरोख्त और बाजार के रुझान. Also known as शेयर बाजार की बात करते हैं, तो कई जुड़े हुए पहलू सामने आते हैं। जैसे AI निवेश, कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनियों में पूँजी प्रवाह जिसका असर वैश्विक सूचकांकों पर दिख रहा है, या फ़ेडरल रिज़र्व, अमेरिका की मौद्रिक नीति नियामक संस्थान की दर‑कटौती जो शेयरों की चाल को सीधे बदलती है। साथ ही IPO, नए कंपनियों का सार्वजनिक बाजार में प्रवेश और S&P 500, अमेरिकी स्टॉक मार्केट का प्रमुख सूचकांक जैसे प्रमुख तत्व इस क्षेत्र के अहम भाग हैं। ये सभी घटक मिलकर स्टॉक मार्केट को एक जटिल परंतु रोमांचक खेल बनाते हैं।
2025 में AI‑बेस्ड स्टार्टअप्स के लिए पैसा ढेरों ढेर मिला है। जेरोम पावेल के अनुसार, AI कंपनियों में निवेश एशिया‑पैसिफिक में 30 % तक बढ़ा और पूरे विश्व में शेयरों की कीमतें भी उछाल गईं। इस बूम ने विशेष रूप से टेक‑सेक्टर के टिकर को धक्के दिए, जैसे कि Nvidia और AMD के शेयरों ने उच्चतम स्तर छुए। निवेशक अब सिर्फ एआई‑टूल्स पर नहीं, बल्कि मध्यम आकार की कंपनियों पर भी ध्यान दे रहे हैं जो डेटा‑एनालिटिक्स, क्लाउड‑सेवा और रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन में अग्रणी हैं। इस रुझान के कारण निवेश पोर्टफोलियो को विविध बनाना अब अधिक फायदेमंद हो गया है, क्योंकि AI‑फोकस्ड फंड्स ने पिछले क्वार्टर में औसतन 12 % रिटर्न दिया।
स्टॉक मार्केट में AI की भागीदारी सिर्फ शेयर कीमतों तक सीमित नहीं है; ट्रेडिंग एल्गोरिदम, जोखिम प्रबंधन और मैक्रो‑इकॉनॉमिक एनालिसिस में भी AI का प्रयोग बढ़ा है। इसके चलते ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म की गति तेज़ हुई और निवेशकों को रीयल‑टाइम डेटा के साथ तेज़ निर्णय लेने का मौका मिला। यदि आप इस लहर का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो ऐसे ETF या बीटा‑फ़ैक्टर फंड्स पर नजर रखें जो AI‑संबंधित स्टॉक्स में एक्सपोज़र देते हैं।
फ़ेडरल रिज़र्व की दर‑कटौती ने भी इस माह में शेयरों को नई दिशा दी। अक्टूबर 2025 में फ़ेड ने पहली बार बेंचमार्क रेट घटाकर 4.75 % कर दी, जिससे वैश्विक इक्विटी‑मार्केट में गिरावट को कुछ हद तक रोक मिला। दर‑कटौती का तत्काल प्रभाव प्रमुख इंडिसेज़—जैसे S&P 500, Nasdaq और Dow Jones—पर दिखा, जहाँ हर सूचक ने 2‑3 % की मध्य‑दिवसीय उछाल दर्ज की। इस परिवर्तन ने बिटकॉइन और क्रिप्टो‑मार्केट के साथ भी समन्वय स्थापित किया, क्योंकि निवेशक कम ब्याज दरों को जोखिम‑भरे एसेट्स में रोटेट करने लगे।
जब फ़ेडरल रिज़र्व ने अपनी नीति बदल दी, तो कई कंपनियों के फाइनेंसिंग कॉस्ट घटे, जो विशेषकर टेक‑और बायोटेक‑सेक्टर में विकास को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मददगार साबित हुए। इस कारण बड़े तकनीकी दिग्गजों जैसे Apple, Microsoft और Meta ने अपनी आय के अनुमान को बढ़ा दिया, जिससे उनके शेयरों की लंबी अवधि की वॉल्यूम बढ़ गई। उन निवेशकों को सलाह दी जाती है जो स्थिर रिटर्न चाहते हैं, कि वे ऐसे सेक्टर की कंपनियों पर ध्यान दें जिनके पास मजबूत बैलेंस शीट और कम उधारी स्तर हो।
IPO की दुनिया भी इस साल ज़ोर पकड़ रही है। 7 अक्टूबर 2025 को लॉन्च हुए Tata Capital और LG Electronics के IPO ने बाजार में नया जोश भरो। Tata Capital ने ग्रे‑मार्केट प्रीमियम को 20 % तक सीमित रखा, जबकि LG Electronics का प्रीमियम 35 % पर चढ़ा, जो दर्शाता है कि निवेशक उच्च‑प्रौद्योगिकी ब्रांड्स पर अधिक भरोसा रखते हैं। दोनों IPO ने अलग‑अलग सब्सक्रिप्शन दरें दी: Tata Capital ने 120 % सब्सक्रिप्शन हासिल किया, जबकि LG Electronics ने 150 % तक पहुंच गया। यह अंतर बताता है कि ब्रांड की पहचान और सेक्टर की ग्रोथ पोटेंशियल दोनों ही IPO की सफलता में अहम भूमिका निभाते हैं।
साथ ही, धातु कंपनियों जैसे Antofagasta ने भी अपनी रिटर्न को दोगुना कर दिखाया, क्योंकि AI‑चालित खनन तकनीकें लागत घटा रही हैं और उत्पादन में स्थिरता ला रही हैं। इस परिश्रम ने निवेशकों को धातु‑इंडेक्स के माध्यम से लाभ उठाने के अवसर दिए। यदि आप वैकल्पिक एसेट क्लासेज़ में विविधता लाना चाहते हैं, तो मैटेरियल‑साइंस या क्लीन‑एनेर्जी फंड्स पर भी विचार कर सकते हैं, क्योंकि इन्हें सरकार की नीति समर्थन और वैश्विक डिमांड दोनों का फायदा मिल रहा है।
नीचे आप को स्टॉक मार्केट से जुड़ी नवीनतम खबरें, विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय मिलेंगी। चाहे आप दीर्घकालिक निवेशक हों या ट्रेडिंग के शौकीन, इस संग्रह में आपको AI बूम, फ़ेडरल रिज़र्व की नीति, IPO अपडेट और विभिन्न सेक्टर्स की हालिया चालें मिलेंगी, जिससे आप अपने पोर्टफोलियो को समझदारी से ढाल सकेंगे।
56वें GST परिषद के बाद दो‑स्तरीय कर दर (5% और 18%) लागू होने की घोषणा से भारतीय शेयर बाजार ने गर्मी पकड़ ली। Sensex 81,007 अंक तक पहुँचकर 0.36% बढ़ा, जबकि विभिन्न सेक्टर में लाभ‑हानि का मिश्रित प्रभाव दिखा। नई 40% स्लैब और डी‑मेटर वस्तुओं पर कड़ाई से नियमन निवेशकों को सतर्क करता है, पर कुल मिलाकर बाजार का मनोबल सकारात्मक बना।
व्यापार