क्या आप सोचते हैं कि उपवास सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान है? असल में यह आपके शरीर को रीसेट करने, वजन घटाने और मन को साफ़ रखने का असरदार तरीका हो सकता है। लेकिन अगर ठीक‑ठाक प्लान नहीं बनाते तो उल्टा भी पड़ सकता है। इस लेख में हम बताएंगे कि कैसे सरल कदमों से उपवास को अपने जीवन में शामिल करें और संभावित समस्याओं से बचें।
सबसे पहले जानिए कौन‑कौन से उपवास लोग आमतौर पर अपनाते हैं। 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप रोज़ 8 घंटे का खुराक टाइम सेट करते हैं, बाकी 16 घंटों में कुछ नहीं खाते। यह पाचन को आराम देता है और शरीर के फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज़ करता है। दूसरा लोकप्रिय तरीका है वैकल्पिक दिवस उपवास (Every‑Other‑Day), जिसमें आप एक दिन सामान्य भोजन लेते हैं और अगले दिन कम कैलोरी वाले खाने या सिर्फ पानी पीते हैं। दोनों तरीकों से इंसुलिन लेवल कंट्रोल में रहता है, जिससे टाइप‑2 डायबिटीज़ का जोखिम घटता है।
उपवास शुरू करने से पहले दो बातें ज़रूरी हैं – समय और हाइड्रेशन। सबसे अच्छा टाइम सुबह के खाली पेट में या शाम को खाना खत्म करने के बाद चुनें, ताकि शरीर ने प्राकृतिक रूप से भोजन को पचा लिया हो। पानी बहुत महत्त्वपूर्ण है; उपवास के दौरान कम से कम 2‑3 लीटर पानी या हर्बल टीनस पीते रहें। अगर आप पहली बार कर रहे हैं तो हल्का नाश्ता जैसे फल या दही को शामिल करें, ताकि शरीर में अचानक ग्लाइकोजेन की कमी ना हो।
ध्यान रखें कि तेज़ी से वजन घटाने के चक्कर में अत्यधिक कैलोरी कटौती नहीं करनी चाहिए। एक सामान्य व्यक्ति को रोज़ 1200‑1500 किलो कैलोरी की जरूरत होती है; इसे कम करके 800 तक ले जाने से मसल्स लॉस और थकान हो सकती है। अगर आप डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह ले सकते हैं तो बेहतर रहेगा, खासकर अगर आपको कोई पुरानी बीमारी जैसे हाई ब्लड प्रेशर या गैस्ट्रिक अल्सर है।
उपवास के दौरान हल्का व्यायाम मददगार रहता है। सुबह की टहल या योगा सत्र शरीर को एंजाइमेटिक एक्टिविटी देता है, जिससे डिटॉक्सिफिकेशन तेज़ होता है। लेकिन भारी वज़न वाले वर्कआउट से बचें; ये ऊर्जा खपत बढ़ाते हैं और आप थककर आराम नहीं कर पाएंगे।
अंत में, उपवास के बाद कैसे ब्रेक करें, यह भी महत्वपूर्ण है। अचानक बड़े भोजन को न लें, बल्कि सुपारी, सूप या पके हुए सब्ज़ी जैसे हल्के विकल्प चुनें। धीरे‑धीरे सामान्य आहार पर लौटने से पेट की एलर्जी और ब्लीडिंग जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है। याद रखें, उपवास एक साधन है, लक्ष्य नहीं; इसे अपने स्वास्थ्य के अनुसार ही अपनाएँ और नियमित जांच कराते रहें।
28 अक्टूबर, 2024 को राम एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है। श्रद्धालु इस दिन उपवास रखकर विष्णु जी की कृपा प्राप्त करते हैं। यह उपवास अतीत के पापों, दुखों और पीड़ाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है। एकादशी तिथि 27 अक्टूबर को प्रातः 5:23 बजे से शुरू होकर 28 अक्टूबर को सुबह 7:50 बजे समाप्त होगी।
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