वसियत: क्यों जरूरी है और इसे सही तरीके से कैसे लिखें

जब हम अपनी उम्र बढ़ाते हैं तो अक्सर सोचते हैं कि हमारी चीज़ों का भविष्य में क्या होगा। वसियत बनाना एक आसान तरीका है जिससे आप तय कर सकते हैं कि आपका घर, बैंक खात़ा या अन्य संपत्ति किसे मिलेगी। अगर सही ढंग से लिखा गया हो, तो आपके बाद परिवार के बीच झगड़े कम होते हैं।

वसीयत की मुख्य शर्तें क्या हैं?

एक वैध वसियत में पाँच बेसिक चीज़ें होनी चाहिए: लिखित होना, आपका स्वेच्छा से बनना, दो गवाहों द्वारा साक्षी होना और आप स्वस्थ मानसिक स्थिति में हों। अगर इन बातों का ध्यान रखेंगे तो कोर्ट भी इसे स्वीकार करेगा। अक्सर लोग सोचते हैं कि नोटरी की जरूरत है – जरूरी नहीं, लेकिन नोटर से करवाने पर अतिरिक्त भरोसा मिलता है।

वसियत लिखने के आसान स्टेप्स

1. सूची बनाएं: पहले तय करें कि कौन‑कौन को क्या देना चाहते हैं – जायदाद, सॉकेट में बचत या व्यक्तिगत सामान।
2. भाषा चुनें: हिंदी, अंग्रेज़ी या स्थानीय भाषा कोई भी चले, बस साफ‑साफ लिखें.
3. शर्तें जोड़ें: अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को कुछ उम्र के बाद ही मिलें, तो वह शर्त लिख दें।
4. गवाह चुनें: दो भरोसेमंद लोग जो आपके सामने हों और वसीयत पर साक्षी बनें.
5. सुरक्षित रखें: एक कॉपी बैंक में या नोटरी के पास जमा कर दें, दूसरा घर में रख दें.

ध्यान रहे कि अगर आप शादीशुदा हैं तो पत्नी को आधे से कम हिस्से देना कानून की नजर में अक्षम्य हो सकता है। इसी तरह बच्चों को बराबर हिस्सा देने की कोशिश करना समझदारी है; इससे भविष्य में कानूनी लड़ाई कम होती है।

अगर आपको कोई खास संपत्ति, जैसे कृषि भूमि या व्यवसाय, का बंटवारा तय करना है तो वकील से सलाह लेना बेहतर रहेगा। कुछ मामलों में कोर्ट को मंज़ूर करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज चाहिए होते हैं, और पेशेवर मदद इस प्रक्रिया को आसान बनाती है.

आपकी वसियत को अपडेट रखना भी जरूरी है। शादी, तलाक या नया बच्चा आने पर आपके फैसले बदल सकते हैं। हर दो‑तीन साल में एक बार इसे फिर से पढ़ें और जरूरत पड़ने पर संशोधित करें. याद रखें – बदलाव लिखते समय पुराने दस्तावेज़ को रद्द करना न भूलें.

अंत में, वसियत सिर्फ कागज़ नहीं है; यह आपके परिवार के लिए सुरक्षा कवच बनता है। सही तरीके से लिखा गया तो यह विवादों को दूर रखता है और आपके इच्छाओं को सम्मानित करता है. अब समय है अपनी वसीयत तैयार करने का – ताकि आप शांति से रह सकें और आपका परिवार भी बिना झंझट के आगे बढ़े.

रतन टाटा की 10,000 करोड़ की वसीयत: शान्तनु नायडू, पेट डॉग टीटो और समाज सेवा को बड़ी प्राथमिकता
मार्च 18, 2025
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रतन टाटा की 10,000 करोड़ की वसीयत में उनकी समाज सेवा की प्राथमिकता, शान्तनु नायडू जैसे करीबी सहयोगियों को लाभान्वित करना और पेट डॉग टीटो के देखभाल का ध्यान रखा गया है। उनके परिवार के सदस्यों और लंबे समय तक सेवा देने वाले कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है। इस वसीयत के तहत अलिबाग में बीच बंगलो और कई लग्जरी कारें भी शामिल हैं।

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