उत्तर्काण्ड चुनाव 2025: भाजपा ने म्युनिसिपल व पंचायत दोनों में दावेदार जीत हासिल की

उत्तर्काण्ड चुनाव 2025: भाजपा ने म्युनिसिपल व पंचायत दोनों में दावेदार जीत हासिल की

उत्तर्काण्ड चुनाव 2025: भाजपा ने म्युनिसिपल व पंचायत दोनों में दावेदार जीत हासिल की

सितंबर 27, 2025 इंच  राजनीति subham mukherjee

द्वारा subham mukherjee

उत्तर्काण्ड में 2025 के स्थानीय चुनावों के परिणाम

उत्तर्काण्ड में इस साल के सभी स्थानीय चुनावों के परिणाम घोषित हो चुके हैं। कोड ऑफ कॉन्डक्ट हटने के साथ ही, जनता ने कई स्तरों पर मतदान किया और परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि भाजपा ने प्रदेश में अपना दबदबा दुगुना कर लिया है।

जनवरी 23 को हुए म्युनिसिपल चुनाव में भाजपा ने 11 में से 10 नगर निगमों पर कब्जा जमाया। शेष एक निगम में कांग्रेस ने कुछ दावेदारी दिखाई, पर कुल मिलाकर उनका प्रदर्शन कमज़ोर रहा। नगर परिषदों और नोटिफ़ाइड एरिया काउंसिलों में भी भाजपा ने सबसे अधिक चेयरपर्सन पद जیتे।

कांग्रेस ने कुछ मतदाता आधार को बरकरार रख लिया, पर उन्होंने कोई नगर निगम नहीं जीता। दूसरी ओर, स्वतंत्र उम्मीदवारों ने वार्ड स्तर पर सबसे अधिक सीटें लीक कर लीं, जिससे कुल मिलाकर उनकी जीत का प्रतिशत काफी ऊँचा रहा।

पंचायत चुनाव: भाजपा की बूम और स्वतंत्र उम्मीदवारों का झुकाव

पंचायत चुनाव: भाजपा की बूम और स्वतंत्र उम्मीदवारों का झुकाव

जुलाई 24 और 28 को दो चरणों में आयोजित पैनल चुनाव ने भाजपा की जीत को और पक्की कर दिया। कुल 358 ज़िला पंचायत सीटों में से भाजपा समर्थित उम्मीदवार 125 सीटें जीत पाए, जबकि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार 83 जीत पाए। शेष 150 सीटें स्वतंत्र उम्मीदवारों ने हासिल कीं।

रोचक बात यह है कि इन स्वतंत्र जीतों में से अधिकांश ने स्पष्ट रूप से भाजपा को अपना समर्थन दीला। इससे भाजपा का प्रभावी कुल 260 सीटों तक पहुंच गया, जैसा कि पार्टी के राज्य अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया। उन्होंने इसे 2019 के 200 सीटों से भी बड़े जीत के रूप में वर्णित किया।

पंचायत चुनाव में औपचारिक रूप से कोई पार्टियों का नाम नहीं लिया जाता, पर पार्टियों का बैकिंग स्पष्ट रहता है। इस बार भाजपा ने दावे किए कि उनके कार्यकर्ता ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य और एरिया पंचायत सदस्य पदों पर सबसे अधिक जीत हासिल कर चुके हैं।

उत्साह की बात यह भी है कि अब दो प्रमुख नगर परिषदों—किछा और नरेन्द्रनगर—के चुनाव स्थगित किए गये हैं, और उन्हें अगले चरण में बाकी चुनावों के साथ मिलाकर फिर से आयोजित किया जाएगा।

समग्र मतदाता turnout 69.16% रहा, जो दर्शाता है कि प्रदेश के लोग स्थानीय प्रशासन में काफी रूचि रखते हैं। 89 ब्लॉकों, 12 जिलों में 5,913 ग्राम पंचायत प्रधान, 95 जिला पंचायत सदस्य और 1,916 क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों के लिए मतदान किया गया। इस व्यापक भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण इलाकों में भी राजनीतिक जागरूकता बढ़ी है।

भाजपा के मीडिया इंचार्ज मनवीर चौहान ने "त्रिपुत्री इंजन गवर्नमेंट" का नारा लगाते हुए कहा कि ग्रामीण विकास के लिए यह जीत मुहिम का नया अध्याय होगी। उनका मानना है कि भाजपा की नीतियों से ग्रामीण जनता को सीधे लाभ मिलेगा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।

इन परिणामों के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार को अब ग्रामीण स्तर पर अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने का बड़ा अवसर मिला है। चाहे वह बुनियादी ढांचा हो, स्वास्थ्य सेवाएँ हों या शिक्षा, अब भाजपा के हाथ में इन सबके लिये निर्णय लेने की शक्ति है।


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subham mukherjee

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मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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