6.3 तीव्रता – आपके लिए खास खबरों का संग्राहक

जब आप सेन्चुरी लाइट्स पर 6.3 तीव्रता टैग खोलते हैं, तो तुरंत ही कई प्रकार की ख़बरें सामने आती हैं। यहाँ हम उन समाचारों को सरल भाषा में पेश करेंगे ताकि आप जल्दी‑जल्दी समझ सकें कि क्या चल रहा है। चाहे खेल हो, राजनीति या विज्ञान – सब कुछ एक जगह मिलता है और पढ़ने का अनुभव आसान बन जाता है।

इस टैग में आपको क्या मिलेगा?

6.3 तीव्रता के तहत हमने सबसे ज़्यादा चर्चा वाले लेखों को चुना है। उदाहरण के तौर पर, Venus Williams और Serena की ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता पर एक गहरा विश्लेषण, या Supreme Court का कुत्ते हटाने वाला आदेश – ये सब यहाँ मिलेंगे। हर लेख में मुख्य बिंदु को संक्षेप में बताया गया है जिससे आप समय बचा सकते हैं।

अगर आप क्रिकेट के फैन हैं तो BCCI के केंद्रीय अनुबंधों या विराट कोहली की घरेलू वापसी जैसे अपडेट तुरंत दिखेंगे। वहीं, विज्ञान में रुचि रखने वालों को Anthem Biosciences IPO या ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च जैसी आर्थिक ख़बरें मिलेंगी। सब कुछ हिंदी में लिखा है, इसलिए पढ़ना आसान रहता है।

पढ़ने के फायदे और क्यों चुनें 6.3 तीव्रता?

इस टैग की खास बात यह है कि हर लेख तेज़ी से जानकारी देता है – यानी तीव्रता. आप बिना झंझट के मुख्य तथ्य, प्रभाव और आगे क्या होने वाला है, जान सकते हैं। साथ ही, सभी ख़बरें सेंचुरि लाइट्स की भरोसेमंद टीम द्वारा जांची गई हैं, इसलिए आप आश्वस्त रह सकते हैं कि जानकारी सही है।

आपको बस टैग खोलना है और स्क्रॉल करना शुरू करना है। अगर किसी लेख में आपके मन में सवाल बचता है, तो नीचे दिए गए टिप्पणी बॉक्स में पूछ सकते हैं – हमारी टीम जवाब देगी। इस तरह से आप न सिर्फ खबरें पढ़ते हैं, बल्कि उनके बारे में चर्चा भी करते हैं।

अंत में, याद रखें कि 6.3 तीव्रता टैग आपका तेज़-समाचार स्रोत है। रोज़ाना नई अपडेट के साथ आप हमेशा एक कदम आगे रहेंगे। चाहे घर पर हों या यात्रा में, अपने मोबाइल पर इस पेज को बुकमार्क कर लें और तुरंत ताज़ा जानकारी प्राप्त करें।

अफगानिस्तान भूकंप: 6.3 तीव्रता का झटका, मौतें 1,400 पार
सितंबर 2, 2025
अफगानिस्तान भूकंप: 6.3 तीव्रता का झटका, मौतें 1,400 पार

अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप, मौतें 1,400 से ज्यादा और हजारों घायल। मिट्टी के घर ढह गए, सड़कें टूटीं और संचार बाधित। तालिबान प्रवक्ता के मुताबिक सबसे ज्यादा हताहत कुनर में हैं, जबकि कई दूरदराज गांवों तक पहुंचना मुश्किल है। अस्पतालों पर दबाव, लगातार बचाव जारी। देश पहले भी 2023 और 2022 के घातक भूकंप झेल चुका है।

अंतरराष्ट्रीय