अगर आप भारत की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, खासकर भाजपा की खबरों को फॉलो करना चाहते हैं, तो यह जगह आपके लिये बनी है। यहाँ आपको दैनिक अपडेट, प्रमुख घोषणाएँ और पार्टी के भीतर चल रही चर्चाओं का सरल सार मिलेगा। हम जटिल बातों को आसान भाषा में बताते हैं ताकि आप बिना झंझट के सब समझ सकें।
आजकल संसद, राज्य सरकारें और राष्ट्रीय स्तर पर कई फैसले हो रहे हैं—हम हर बड़े कदम की बारीकी से रिपोर्ट करते हैं। चाहे वह नया आर्थिक पैकेज हो या चुनावी रणनीति, हमारी टीम जल्दी‑से‑जल्दी जानकारी लाती है। आप यहाँ पढ़ेंगे कि भाजपा के नेता किन मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं और जनता की प्रतिक्रियाएँ क्या हैं।
उदाहरण के लिए, हाल ही में दिल्ली में आवारा कुत्ते हटाने का आदेश आया था, लेकिन वह बात नहीं भूलेगा जब भाजपा सरकार ने पशु कल्याण पर नया नियम पेश किया। ऐसी खबरें सिर्फ हेडलाइन नहीं, बल्कि उनका असर कैसे पड़ता है, हम बताते हैं।
हर साल भाजपा नई योजनाओं का जश्न मनाती है—डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत या कृषि सुधार जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स। इस सेक्शन में हम उन पहलों के उद्देश्य, लाभ और चुनौतियों को आसान शब्दों में तोड़‑मरोड़ कर समझाते हैं। आप जान पाएँगे कि कौन सी नीति आपके रोज़मर्रा की ज़िंदगी को छू रही है।
साथ ही हम पार्टी के अंदरुनी बदलाव—जैसे नए चेहरों का चयन, गठबंधन और रणनीतिक फैसले—को भी कवर करते हैं। इससे आपको यह अंदाज़ा होगा कि अगला चुनाव कब और कैसे लड़ेंगे।
भाजपा की खबरें सिर्फ राजनीतिक खेल नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव के संकेतक भी हैं। हम अक्सर विशेषज्ञों की राय, सर्वेक्षण डेटा और आम जनता की आवाज़ को जोड़ते हैं ताकि आप पूरी तस्वीर देख सकें। इस तरह से आप अपनी राय बना सकते हैं या चर्चा में भाग ले सकते हैं।
हमारा लक्ष्य है कि आप हर नई घोषणा पर तुरंत अपडेट रहें, बिना किसी जटिल शब्दजाल के। इसलिए अगर आपको कोई सवाल या सुझाव हो, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें—हम जल्दी जवाब देंगे।
तो चलिए, भाजपा की ताज़ा ख़बरों को पढ़ते हैं और समझते हैं कि ये हमारे देश के भविष्य को कैसे आकार दे रही हैं। आपका भरोसा ही हमारा प्रेरणा स्रोत है।
उत्तर्काण्ड में 2025 के स्थानीय चुनावों में भाजपा ने झंडे गाए। जनवरी के म्युनिसिपल चुनाव में 11 में से 10 निगम जीते, जबकि जुलाई के दो फेज़ पैनल चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवारों के समर्थन से प्रभावी रूप से 260 सीटों पर कब्जा जमाया। वोटर टर्नआउट 69.16% रहा, और कोड ऑफ कॉन्डक्ट अब समाप्त हो चुका है।
राजनीतिझारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक शिबु सोरेन के करीबी रहे हैं और हाल ही में जेएमएम की वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से असंतुष्टि जताई। सोरेन ने हाल ही में मंत्री पद से भी इस्तीफा दिया था।
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