जब भी आप Sensex, BSE (Bombay Stock Exchange) का प्रमुख 30 शेयरों का इंडेक्स है जो भारतीय इक्विटी बाजार की स्थिति दर्शाता है. इसे अक्सर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसेक्स कहा जाता है, क्योंकि यह राष्ट्रीय आर्थिक रुझानों, कंपनियों के कमाई और नीति बदलावों को प्रतिबिंबित करता है। आज हम देखेंगे कि यह इंडेक्स कैसे विभिन्न घटकों के साथ इंटरैक्ट करता है।
एक प्रमुख स्टॉक मार्केट, वित्तीय व्यवस्था जहाँ शेयर, बॉण्ड और डेरिवेटिव्स का ट्रेड होता है है, और Sensex इसका एक प्रमुख बेंचमार्क है। जब शेयर बाजार में तेज़ी होती है, तो Sensex भी ऊपर जाता है; गिरावट में यह नीचे गिरता है। इस कारण निवेशक अक्सर Sensex को आर्थिक स्वास्थ्य का प्राथमिक संकेतक मानते हैं। उदाहरण के तौर पर, AI बूम से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में जब तेजी आती है, तो Sensex में भी स्पष्ट उछाल देखा गया है।
कौन-कौन से कारक Sensex को प्रभावित करते हैं? सबसे पहला है IPO, प्राथमिक सार्वजनिक पेशकश, जहाँ नई कंपनियां पहली बार शेयर बाजार में प्रवेश करती हैं। Tata Capital और LG Electronics जैसे बड़े IPO के लॉन्च से निवेशकों का उत्साह बढ़ता है, जिससे समग्र बाजार की तरलता बढ़ती है और Sensex में सकारात्मक दबाव बनता है। दूसरा महत्वपूर्ण तत्व GST, सामान्य वस्तु एवं सेवा कर, जो उत्पादों और सेवाओं की कीमतों को सीधे असर करता है है। जब GST रेट बदलता है, तो ऑटो उद्योग, जैसे Mahindra Thar या Bolero, की बिक्री पर असर पड़ता है; इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव आते हैं और इससे Sensex के समग्र प्रदर्शन में बदलाव देखे जाते हैं।
यदि आप शेयरों में नया निवेश करने की सोच रहे हैं, तो Sensex को समझना शुरुआती कदम है। यह न सिर्फ वर्तमान बाजार की दिशा बताता है, बल्कि पिछले डेटा से भविष्य के रुझानों का अंदाज़ा लगाने में मदद करता है। AI निवेश, फ़ेडरल रिज़र्व की दर‑कटौती, या सरकार द्वारा नया GST रेट लागू होना—इन सबके साथ Sensex का जुड़ाव स्पष्ट होता है। इसलिए जब आप आज के शेयर मार्केट समाचार पढ़ते हैं, तो Sensex का आंदोलन देखते हुए आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर रूप से संतुलित कर सकते हैं। नीचे आप विभिन्न लेखों की सूची पाएँगे, जिसमें करवा चौथ के टाइमिंग से लेकर महिंद्रा की नई कीमतों तक सभी विषय शामिल हैं, जिससे आप इस बड़े इंडेक्स के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझ सकेंगे।
56वें GST परिषद के बाद दो‑स्तरीय कर दर (5% और 18%) लागू होने की घोषणा से भारतीय शेयर बाजार ने गर्मी पकड़ ली। Sensex 81,007 अंक तक पहुँचकर 0.36% बढ़ा, जबकि विभिन्न सेक्टर में लाभ‑हानि का मिश्रित प्रभाव दिखा। नई 40% स्लैब और डी‑मेटर वस्तुओं पर कड़ाई से नियमन निवेशकों को सतर्क करता है, पर कुल मिलाकर बाजार का मनोबल सकारात्मक बना।
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