अफ़ग़ानिस्तान में अक्सर छोटे‑बड़े भू‑कम्प होते रहते हैं, इसलिए हर बार जब नया रिपोर्ट आता है तो लोगों को तुरंत जानकारी चाहिए। यहाँ हम आपको हालिया घटनाओं की सटीक जानकारी दे रहे हैं, साथ ही समझाते हैं कि आप या आपके परिचित कैसे सुरक्षित रह सकते हैं। खबरें जल्दी आती‑जाती रहती हैं, इसलिए इस पेज पर अपडेटेड डेटा मिलना आसान होता है।
पिछले दो हफ़्तों में काबुल के पास दो प्रमुख झटके आए थे। पहली घटना 5.8 रिकार्ड मात्रा की थी, जिससे लगभग 30 घर टूटे और 12 लोग घायल हुए। दूसरी बार 6.1 मैग्निट्यूड का भूकंप आया, जिसमें कई स्कूलों को नुकसान पहुँचा और लोगों को अस्थायी शेल्टर में रहना पड़ा। सरकार ने तुरंत राहत के लिए कैंप सेट किए और प्रभावित परिवारों को खाना‑पीना उपलब्ध कराया। इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि छोटा‑छोटा झटका भी जीवन पर बड़ा असर डाल सकता है।
यदि आप या आपका कोई जानने वाला ऐसे इलाके में रहता है, तो कुछ आसान कदम मददगार होते हैं। सबसे पहले, घर के दरवाजे‑खिड़कियों को मजबूत करें और फर्नीचर को दीवार से जोड़ें ताकि गिरना कम हो। दूसरा, हमेशा एक इमरजेंसी किट तैयार रखें – पानी, बुनियादी दवा, टॉर्च और बैटरियाँ। भूकंप आने पर तुरंत दरवाज़े‑खिड़कियों से दूर हटें, मजबूत स्तंभ या मेज़ के नीचे झुके रहें और बाहर निकलते समय लिफ्ट इस्तेमाल न करें। राहत टीमों को सहयोग देना आसान है; स्थानीय केंद्रों में दान की वस्तुएँ जमा कर सकते हैं या स्वयंसेवी बनकर मदद कर सकते हैं।
भू‑कम्प से जुड़ी खबरें अक्सर बदलती रहती हैं, इसलिए आधिकारिक स्रोतों और विश्वसनीय समाचार एजेंसियों पर नजर रखें। इस पेज पर हम लगातार नई रिपोर्ट जोड़ते रहते हैं, जिससे आप कभी भी अपडेटेड जानकारी पा सकेंगे। अगर आपके पास कोई भरोसेमंद सूचना है या आप राहत कार्य में मदद करना चाहते हैं, तो हमें लिखें – आपकी आवाज़ से और लोग सुरक्षित रह पाएँगे।
अफ़ग़ानिस्तान के भूकंपों पर नजर रखना सिर्फ समाचार पढ़ने तक सीमित नहीं होना चाहिए; यह आपके परिवार की सुरक्षा और सामुदायिक सहयोग का हिस्सा है। इस पेज को बुकमार्क करें, नियमित रूप से चेक करें और अपने आस‑पास के लोगों को भी बताएं। जब हर कोई सही जानकारी रखेगा, तो आपदा प्रबंधन बेहतर होगा और जीवन बचाए जा सकेंगे।
अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप, मौतें 1,400 से ज्यादा और हजारों घायल। मिट्टी के घर ढह गए, सड़कें टूटीं और संचार बाधित। तालिबान प्रवक्ता के मुताबिक सबसे ज्यादा हताहत कुनर में हैं, जबकि कई दूरदराज गांवों तक पहुंचना मुश्किल है। अस्पतालों पर दबाव, लगातार बचाव जारी। देश पहले भी 2023 और 2022 के घातक भूकंप झेल चुका है।
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