जब हम ऑपरेशन सिंधूर, भारतीय- पाकिस्तानी सीमा में चलाए गए बड़े जमीनी अभियान को दर्शाता है. इसे अक्सर सिंधूर ऑपरेशन कहा जाता है, तो आइए समझते हैं कि यह क्यों महत्वपूर्ण है. इस सन्दर्भ में सिंधूर, सिंधुकुंज, मध्य प्रदेश के सीमा कस्बे का नाम खुद ऑपरेशन का भौगोलिक केंद्र है. दूसरा प्रमुख भाग भारतीय सेना, देश की मुख्य सशस्त्र शक्ति, जो इस ऑपरेशन को संचालित करती है है. तीसरे पहलू में पाकिस्तान के आतंकवादी समूह, सीमा पार घुसपैठ और घातक गतिविधियों में लिप्त संगठनों को कहा जाता है को लक्षित किया गया है. इन तीनों इकाइयों के बीच आपसी संबंध ऑपरेशन की सफलता का मूल आधार बनते हैं.
ऑपरेशन सिंधूर का मुख्य लक्ष्य सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करना है, और यह लक्ष्य जमीनी कार्रवाई, साक्ष्य संग्रह और सूचना युद्ध के तीन स्तंभों पर आधारित है. जमीनी कार्रवाई से सैनिक प्रत्यक्ष तौर पर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर देते हैं, जबकि सूचना युद्ध में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दुश्मन की चालों का खुलासा करके मानवीय हानि को कम किया जाता है. इस तरह से ऑपरेशन न केवल क्षेत्रीय स्थिरता लाता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में भी नई दिशा देता है.
पहला पहलू है भौगोलिक रणनीति. सिंधूर क्षेत्र की जटिल पहाड़ी और नदियों वाला भूभाग दुश्मन के लिए छुपने का बड़ा अवसर देता है, इसलिए भारतीय सेना ने इस इलाके में विशेष टुच्छा इकाइयाँ तैनात की हैं. इन इकाइयों का प्रशिक्षण कड़ी पहाड़ी युद्ध तकनीकों पर केन्द्रित है, जिससे वे छोटे-छोटे रेजिमेंट्स को भी पराजित कर सकते हैं.
दूसरा पहलू है सघन खुफिया समर्थन. साक्ष्य जुटाने के लिए ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी और मानवीय सूचना नेटवर्क का प्रयोग किया जाता है. जब भी कोई संदिग्ध गतिविधि पकड़ी जाती है, तो तुरंत फील्ड यूनिट को कोऑर्डिनेटेड मार्जिनल फायर मिलती है, जिससे घातक हमले रोक सकते हैं.
तीसरा और शायद सबसे प्रभावशाली पहलू है स्थानीय जनसंख्या के साथ सहयोग. ऑपरेशन के दौरान गाँव‑देह के लोगों को भरोसेमंद सूचना स्रोत बनाया गया है. इनसे मिलने वाले टिप्स से कई संभावित आतंकवादी छिपने की जगहें उजागर हुई हैं, और इससे ऑपरेशन की लागत घटाने में मदद मिली है.
इन तीनों पहलुओं के बीच एक स्पष्ट तीन‑स्तरीय संबंध है: भौगोलिक रणनीति आधार बनाती है, खुफिया समर्थन उसे तेज़ी से लागू करता है, और स्थानीय सहयोग इसे टिकाऊ बनाता है. इस प्रकार ऑपरेशन सिंधूर एकीकृत जमीनी, खुफिया और सामाजिक प्रयासों का मॉडल है, जो भारत‑पाकिस्तान सीमा पर स्थिरता का नया मानक स्थापित करता है.
ऑपरेशन की सफलता ने न केवल सामरिक स्थितियों को बदल दिया है, बल्कि राजनैतिक संवाद में भी असर डाला है. पाकिस्तान के कई सैन्य विश्लेषकों ने अब इस ऑपरेशन को एक चेतावनी के रूप में देखा है, जो भविष्य में बड़े पैमाने पर हमले रोक सकता है. इसी कारण से भारत ने इस ऑपरेशन को लगातार अद्यतन किया है और नई तकनीकों को इसमें समाहित किया है.
यदि आप इस ऑपरेशन के विविध पहलुओं के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं, तो नीचे दी गई सूची में आपको ताज़ा रिपोर्ट, विशेषज्ञ विश्लेषण और वास्तविक समय अपडेट मिलेंगे. इन लेखों से आप समझ पाएँगे कि कैसे जमीनी शक्ति, खुफिया तंत्र और जनसंपर्क मिलकर सीमा सुरक्षा को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं।
93वां भारतीय वायु सेना दिवस पर एसीएम ए.पी. सिंह ने हिंदन में भव्य परेड संग ऑपरेशन सिंधूर का सम्मान किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा में हवाई शक्ति की अहम भूमिका दर्शाता है।
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