आप जब भी नया लेख पढ़ते हैं तो अक्सर शीर्षकों में ‘%’ या ‘प्रतिशत’ देखेंगे। यह सिर्फ़ एक संख्या नहीं, बल्कि कहानी का मुख्य भाग है। उदाहरण के तौर पर अफगानिस्तान भूकंप की खबर में 6.3 तीव्रता और 1,400 मौतें बताई गईं, लेकिन वह प्रतिशत‑आधारित आँकड़ा हमें समझाता है कि कितने लोगों को मदद चाहिए या नुकसान कितना बड़ा है।
हमारे टैग ‘पास प्रतिशत’ में कई लेख शामिल हैं जो सीधे‑साधे आँकड़े पेश करते हैं:
इन उदाहरणों से पता चलता है कि प्रतिशत कैसे कहानी को तेज़ और स्पष्ट बनाता है। अगर आप आँकड़े को समझते हैं तो खबरें आपके लिए आसान हो जाती हैं।
1. संदर्भ देखिए: 30% का मतलब क्या? यदि यह रोजगार दर है, तो देश की आर्थिक स्थिति दिखाती है; अगर बिक्री में गिरावट है, तो बाजार की मंदी दर्शाता है।
2. बेंचमार्क से तुलना करें: पिछले साल के प्रतिशत या समान घटनाओं के आंकड़े देखें। इससे यह पता चलता है कि वृद्धि असामान्य है या सामान्य।
3. वॉल्यूम को न भूलें: 90% सकारात्मक प्रतिक्रिया अच्छी लग सकती है, पर अगर कुल संख्या छोटी है (जैसे 10 में से 9), तो असर सीमित रहता है।
4. समय‑सीमा समझें: “एक महीने में 15% गिरावट” और “पाँच साल में 15% गिरावट” पूरी तरह अलग बातें हैं। समय का ध्यान रखना जरूरी है।
5. स्रोत पर भरोसा करें: सरकारी रिपोर्ट, विश्वसनीय एजेंसियों या आधिकारिक डेटा से आए प्रतिशत अधिक विश्वसनीय होते हैं। सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के आँकड़े भ्रम पैदा कर सकते हैं।
इन बिंदुओं को याद रखकर आप ‘पास प्रतिशत’ टैग वाले लेखों को जल्दी समझ पाएँगे और सही निष्कर्ष निकाल सकेंगे। चाहे वह खेल, राजनीति या आर्थिक खबर हो – प्रतिशत हमेशा एक स्पष्ट संकेत देता है। अब जब भी कोई नया आँकड़ा देखें, इन टिप्स को ज़रूर आज़माएँ; आप खुद देखेंगे कि समाचार पढ़ना कितना आसान हो गया।
CBSE 12वीं रिजल्ट 2025 में 88.39% छात्र पास हुए, लड़कियों ने 91.64% पास रेट के साथ लड़कों से बाज़ी मारी। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। 1.11 लाख छात्रों ने 90% से ज्यादा अंक पाए, ट्रांसजेंडर बच्चों का पास प्रतिशत 100% रहा।
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