अगर आप क्रिकेट पसंद करते हैं तो शुबमन गिल का नाम सुनते ही दिमाग में उनका स्मूथ बैटिंग स्टाइल और बड़े स्कोर आते हैं। लेकिन कई बार हमें नहीं पता होता कि उनके कितने शतक हैं, किस मौके पर बनाए और कौन सी बात उन्हें खास बनाती है। इस लेख में हम बस वही जानकारी देंगे – शतकों की लिस्ट, उनके कुछ दिलचस्प आँकड़े और आगे क्या उम्मीद रख सकते हैं। पढ़ते‑रहिये, कोई झंझट नहीं, सिर्फ़ समझदार जानकारी।
शुबमन ने अपनी अंतरराष्ट्रीय करियर में अभी तक पाँच—छह—सात शतक नहीं बनाए हैं, पर जो बनाए हैं वो सब यादगार रहे हैं। पहला शतक आया 2022 में, जब उन्होंने भारत बनाम अफग़ानिस्तान (ODI) में 100 रन बनाए। वह मैच भारत की भारी जीत में बदल गया और शुबमन को ‘वायर‑ट्रांसफॉर्मर’ की पहचान दिलाई।
दूसरा शतक 2023 में भारत बनाम इंग्लैंड (टेस्ट) में आया। एडेन में पिच ने कुछ मदद नहीं की, फिर भी शुबमन ने 131 रन की शानदार पारी खेली। इस पारी ने भारत को मैच ड्रॉ बचाने में मदद की और उनकी टिकाऊता दिखा दी।
2024 में IPL में शुबमन का पहला शतक आया। यह एक हाई-स्कोरिंग गेम था जहाँ उन्होंने किंगज़ प्रायोजित मैच में 106* बनाए। पिच छोटी थी, पर उन्होंने हर बॉल को इस तरह मार डाला जैसे हर बॉल को देर से बोलने की जरूरत नहीं हो। इस शतक ने उन्हें ‘IPL में सबसे तेज़ 100’ की लिस्ट में भी डाल दिया।
उसके बाद अप्रैल 2025 में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (ODI) में 115 रन का शतक आया। इस पारी में उन्होंने दो फील्डिंग फालतू एरर्स के बाद भी सिम्पल्ड लुक से हार्ड स्ट्राइक्स लगाए। यह शतक भारत को 5 विकेट से जीत दिलाने में अहम रहा।
अंत में, अभी हाल में ही शुबमन ने अपनी पाँचवी शतक (2025) एक टॉप‑टियर टी20 इंटर्नेशनल मैच में लिखी। यह शतक 77 बॉल में आया और टीम को चेज़ में हार के कगार से वापस लाया।
शुबमन के शतक अक्सर दो बातों में जाने जाते हैं – पोज़िशनिंग और स्कोरिंग रेट। उनका शुरुआती पैर फॉर्म टॉप‑लेवल पर रहता है, इसलिए वे जल्दी रन बनाते हैं। साथ ही, कोनो पिच पर भी उनका स्टाइल एडाप्ट हो जाता है; पिच स्लो हो या फास्ट, वह अपनी टेम्पो को आसान बनाते हैं।
एक और खास बात है उनका ‘रन‑रनरैट’ (RR) जो अक्सर 150‑200+ रहता है। इसका मतलब है कि वे सिंगल से बाउंड्री तक जल्दी आगे बढ़ते हैं। इसलिए जब टीम को तेज़ स्कोर चाहिए, तो शुबमन का नाम सबसे पहले लिस्ट में आता है।
भविष्य की बात करें तो शुबमन के पास अभी बहुत साल बचे हैं। अगर वह अपनी फिटनेस और फोकस बनाए रखे, तो 2028 तक 15‑20 शतक संभव है। साथ ही, अगर वे एक-डेब्यू पर ही 150+ स्कोर कर लें, तो वो टेस्ट में भी अपना ‘मेन अट्रैक्टिव’ बन सकते हैं।
अंत में इतना ही – शुबमन के शतक सिर्फ़ नंबर नहीं, उनकी पिच समझ, खेल भावना और टीम को जीत की दिशा में ले जाना दर्शाते हैं। अगर आप उनके खेल को फॉलो करना चाहते हैं, तो मैचों में उनके शुरुआती ओवर देखिए, वहाँ अक्सर उनका शतक बनना तय होता है।
पहले टेस्ट में भारत ने 359/3 के मजबूत स्कोर से दिन‑1 समाप्त किया। यशस्वी जयसवाल और शुबमन गिल ने शतक लगाए, जबकि ऋषभ पैंट ने तेज़ी से अर्धशतक बनाया। इंग्लिश गेंदबाजों को लगातार ब्रेक नहीं मिल पाई, जिससे भारतीय बल्लेबाज़ी के सामने कोई रोक नहीं रही। इस जीत से भारत को आगे के दिनों में बड़ा फायद़ा मिलेगा।
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